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जानिए, गर्भवती महिलाओं को प्‍लास्‍टिक के बर्तनों में खाना क्‍यों नहीं खाना चाहिए

प्‍लास्टिक की बोतल या फिर अन्‍य बर्तनों में मौजूद रसायनिक तत्‍व शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं. इसलिए डॉक्‍टर गर्भवती महिलाओं को डिब्‍बाबंद खाना खाने और प्‍लास्टिक के बर्तनों को उपयोग न करने की सलाह देते हैं.

गर्भावस्‍था में छोटी बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है गर्भावस्‍था में छोटी बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:07 PM IST

गर्भवती महिलाओं को ज्‍यादा से ज्‍यादा पोषक और स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक खाना खाने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए भी कहा जाता है क्‍योंकि मां का खानपान उसके गर्भ में पल रहे बच्‍चे को पोषण देता है. मां और बच्‍चे बेहतर स्‍वास्‍थ के लिए यह बहुत जरूरी है कि मां अपने रूटीन की हर छोटी-बड़ी बात का ध्‍यान रखें. यहां तक कि आप किस तरह के बर्तन में खाना खाएं, यह जान लेना भी बहुत जरूरी है.

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यूं तो डॉक्‍टर हर व्‍यक्ति को प्‍लास्टिक के बर्तनों में खाने के लिए मना करते हैं लेकिन गर्भवती महिलाओं के मामले में यह बात और भी महत्‍वपूर्ण हो जाती है. प्‍लास्टिक की बोतल या फिर अन्‍य बर्तनों में मौजूद रसायनिक तत्‍व शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं. यही कारण है कि माइक्रोवेव ओवन में प्लास्टिक के बर्तनों में खाना गरम न करने की सलाह दी जाती है.

अगर पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का इस्‍तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए. गर्मी के कारण प्लास्टिक के बर्तनों से कैंसर उत्पन्न करने वाले रसायन उत्सर्जित होते हैं जो खाने पीने की चीजों में मिल जाते हैं.

आइए जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं को डिब्बाबंद खाने की चीजों और प्लास्टिक के बर्तनों में खाना क्यों नहीं खाना चाहिए...

- प्लास्टिक के बर्तनों में बहुत खतरनाक रसायन पाया जाता है. अगर आप प्लास्टिक की बोतल में पानी पीते है या बर्तनों में खाना खाते है तो आपको कैंसर हो सकता है. इनमें खाना खाने से सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को हो सकता है.
- अगर कोई गर्भवती महिला प्लास्टिक की बोतल में पानी पीए या खाना खाए तो इससे मौजूद रासायनिक तत्‍व मां के जरिए बच्‍च्‍ो तक पहुंचकर उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं.
- प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग करने से गर्भवती महिला के बच्चे को मानसिक, शारीरिक और दिमाग से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. प्‍लास्टिक के बर्तनों में बिस्फेनोल ए केमिकल होता है जो गर्भवती महिलाओं के हार्मोन्स में गड़बड़ी पैदा कर सकता है.
- गर्भवती महिलाओं को डॉक्‍टर भी प्लास्टिक के बर्तनों में खाना गर्म करके उनमें खाने से मना करते है. बाजार में मिलने वाले डिब्‍बाबंद खाने के से भी इस दौरान परहेज करें.
- प्लास्टिक के बर्तनों में पाए जाने वाले इस रसायन के कारण माताओं में एस्ट्रोजन बहुत अधिक सक्रिय हो जाता है. यह बच्चे के विकास पर प्रभाव डालता है और महिलाओं को प्रजनन संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है.
- प्लास्ट‍िक की बोतल से बच्‍चे को दूध पिलाना भी इस‍ीलिए बहुत हानिकारक होता है क्‍योंकि इसका सबसे बुरा असर बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है. इसके अलावा यह बच्चे के मस्त‍िष्क पर भी नकारात्मक असर करता है.
- बिस्फेनोल ए (BPA) रसायन जिन प्लास्टिक के बर्तनों में पाया जाता है उन सभी उत्पादों पर चीन, फ़्रांस और कनाडा में प्रतिबंध है. ऐसे में सिर्फ वही प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग करें जिस पर 'बिस्फेनोल ए (BPA) फ्री' लिखा होता है.

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