Advertisement

भारतीय वैदिक तकनीक से वायु प्रदूषण खत्म करने की तैयारी

वर्तमान अध्ययन ने दिसंबर 2017 में घर के अंदर के वातावरण में मौजूद कणिका तत्व पर यज्ञ के प्रभाव पर हुए दो शोधों का आंकलन किया था.

फोटो: Getty फोटो: Getty
रोहित
  • ,
  • 15 जून 2018,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण के बेहद खतरनाक स्तर पर चिंता जताते हुए विशेषज्ञ घर के वातावरण विशेष रूप से प्रदूषित हवा को शुद्ध करने के लिए वैदिक तकनीक का सुझाव लेकर आए हैं.

इंटरडिसिप्लनरी जर्नल ऑफ यज्ञ रिसर्च में प्रकाशित शोध में दावा किया गया है कि वेदों और उपनिषदों समेत प्राचीन ग्रंथों में वर्णित यज्ञ नामक तकनीक विशेष रूप से अंदर के पर्यावरण में कणिका तत्व (पीएम) स्तर को कम कर सकती है जो वायु प्रदूषण का कारण है.

Advertisement

यज्ञ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें मंत्रों के लयबद्ध जप के साथ जड़ी-बूटियों को आग में छोड़ा जाता है.

प्रारंभिक सबूतों के अनुसार, यज्ञ वायु प्रदूषण से उत्पन्न सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ 2) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) के स्तर के साथ ही सूक्ष्मजीवों जैसे जैविक वायु प्रदूषकों को कम करता है.

वर्तमान अध्ययन ने दिसंबर 2017 में घर के अंदर के वातावरण में मौजूद कणिका तत्व पर यज्ञ के प्रभाव पर हुए दो शोधों का आंकलन किया था.

जहरीली हो गई है दिल्ली की हवा, ये हैं बचाव के उपाय

दिल्ली के कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग की सलाहकार ममता सक्सेना ने कहा कि निष्कर्षो में पता चलता है घर के अंदर यज्ञ करने के बाद कणिका तत्व 2.5, 10 और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) में कमी देखी गई है.

खतरनाक हो गई है दिल्ली की हवा, खाने में शामिल करें ये चीजें

Advertisement

2.5 माइक्रोमीटर से कम आकार के कणों को स्वास्थ्य के लिए खतरे के रूप में घोषित किया जाता है, क्योंकि वे फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर जाते हैं और वहां खुद को स्थापित कर लेते हैं, जो सांस व हृदय रोगों और नवजात के मृत्यु दर का कारण बन सकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement