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पर्यटन

गुजरात में लाभ पंचमी तक बिजनेस बंद तो माउंट आबू को मिली संजीवनी, टूरिज्‍म में बूम

aajtak.in
  • 18 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:47 PM IST
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राजस्थान के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में दिवाली के पर्यटन सीजन का आगाज हो गया है. 5 से 15 दिनों तक चलने वाला यह पर्यटन सीजन अब अपने चरम पर है. बीते 4 दिनों में 25 हजार से ज्यादा टूरिस्ट यहां पहुंच चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना के चलते सूनी पड़ी वादियों के लिए यह पर्यटन सीजन संजीवनी जैसा है. (माउंट आबू से राहुल त्र‍िपाठी की र‍ि‍पोर्ट) 

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हिल स्टेशन माउंट आबू में पर्यटन सीजन रंग पकड़ता हुआ नजर आ रहा है कोरोना के चलते लंबे समय से सूनी पड़ी वादियों में दिवाली के बाद शुरू होने वाले पर्यटन सीजन में पर्यटकों की मौजूदगी से यहां की फिजाएं गुलजार हो रही हैं. 

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पर्यटन नगरी माउंट आबू में जहां तक नजर पहुंचती है, नक्की झील से लेकर देलवाड़ा रोड, अचलगढ़, गुरु शिखर सहित तमाम पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की भीड़ और चहलकदमी नजर आ रही है.

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दरअसल, पड़ोसी राज्य गुजरात में लाभ पंचमी तक व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह बंद रहती हैं. इसीलिए गुजरात के लोग अन्य स्थानों पर सैर सपाटे के लिए निकलते हैं. इनमें ज्यादातर अपनी पहली पसंद के रूप में माउंट आबू को ही चुनते हैं.

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फिलहाल पर्यटन सीजन के इस आगाज से कोरोना के चलते लम्बे समय से सूनी पड़ी  वादियां 'कब आबो म्हारे देश' की जगह 'पधारो म्हारे देश' गुनगुनाती हुई सुनी जा सकती है. आलम यह है कि पर्यटन स्थल और यहां के होटल के गेस्ट हाउस सैलानियों से अटे पड़े हैं.

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कोरोना के चलते जिला प्रशासन ने भी इस बार खास इंतजाम किए हैं. माउंट आबू में दाखिल होते ही स्थानीय टोल नाके पर मास्क दिए जा रहे है और सैनिटाइज करने के बाद ही पर्यटकों को आगे जाने दिया जा रहा है.

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