अरुणाचल प्रदेश का हिंदी में मतलब है 'उगते सूरज का पर्वत'. यहां की अद्भुत प्राकृतिक खूबसूरती की वजह से इस राज्य को 'ऑर्किड स्टेट ऑफ इंडिया' और 'द पैराडाइस ऑफ द बोटानिस्ट' भी कहा जाता है. आइए देखें झलक यहां के हसीन नजारों की...
ईटानगर
हिमालय की गोद में बसी अरूणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर बहुत ही खूबसूरत है. यहां वाइल्ड लाइफ रिफ्यूज, जू, जंगल, बौद्ध संस्कृति को करीब से देखने का अनुभव मिलेगा. ईटानगर शॉपिंग के लिए भी अच्छी जगह है.
पासीघाट
पासीघाट को आम तौर पर इस राज्य का टूरिजम गेट कहा जाता है. यह जगह 1911 में स्थापित की गई. इसका नाम यहां रहने वाली जनजाति पासी के नाम पर रखा गया. यहां नदियां, पहाड़ और अरूणाचल की संस्कृति के मनोरम नजारे देखने को मिलेंगे.
रोइंग
रोइंग शहर दिबांग घाटी में है. यहां झील और नदियों के किनारे बैठकर घंटों सुकून के पल बिताए जा सकते हैं.
पक्के टाइगर रिजर्व
पक्के एक टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट है. अगर आपको कैम्पिंग का शौक है तो यह जगह बेस्ट है. रंगबिरंगी तितलियां यहां की खूबसूरती खूब बढ़ाती हैं. वैसे यहां जंगल में आपको शेर भी दिख सकता है तो थोड़ा संभल कर.
बोमडिला
यह अरूणाचल के नॉर्थ-वेस्ट में है. यहां मोनेस्ट्री और बौद्ध धर्म की संस्कृति देखने लायक हैं.
भालुकपोंग
बोमडिला से 100 किमी. की दूरी पर है भालुकपोंग. यह कामेंग नदी के किनारे बसा है. यह जगह एडवेंचर लवर्स को बहुत पसंद आएगी. राफ्टिंग के लिए भी यह अच्छा ऑप्शन है.
जिरो
प्रकृति से प्यार करने वालों को जिरो की वादियों को देखने का अनुभव खुशनुमा रहेगा. यहां जंगल और नेचर के साथ-साथ संगीत पर्वों का मजा लिया जा सकता है.
सेला पास
यह अरुणाचल के तवांग जिले में है. सेला पास एक बहुत ऊंचाई वाला पहाड़ी रास्ता है जहां आप बर्फीली पहाड़ियों को दखने का मजा ले सकते हैं.
तवांग घाट
तवांग हैंडीक्राफ्ट का सेंटर है. यहां आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है तवांग मोनेस्ट्री जो भारत में सबसे बड़ी बौद्ध मोनेस्ट्री है. इसी के साथ तवांग में पहाड़ और झील की खूबसूरती का लुत्फ भी उठाया जा सकता है.
नमदाफा नेशनल पार्क
हिमालय में उगने वाले पेड़-पौधे, वहां पलने वाले जीव-जंतुओं को पनाह देने वाली सबसे बड़ी जगह है नमदाफा नेशनल पार्क. यह चांगलांग जिले में म्यांमार की सीमा पर है.