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कोरोना महामारी से उबरने की कोशिश कर रहे इंडोनेशिया के पर्यटन उद्योग पर एक बार संकट के बादल घिरने लगे हैं. क्योंकि इंडोनेशिया की संसद ने अविवाहित जोड़ों और विवाह के बाहर शारीरिक संबंध बनाने को अपराध घोषित कर दिया है. ये नियम इंडोनेशिया के नागरिकों के साथ ही वहां रह रहे विदेशियों और सैलानियों पर भी लागू होगा.
इंडोनेशिया की संसद में मंगलवार को इस नई दंड संहिता को मंजूरी दी गई है. साथ ही इस आपराधिक कानून को तोड़ने वालों के लिए एक साल की सजा का प्रावधान भी रखा है.
इस नए आपराधिक कानून के तहत शादी से बाहर सेक्स को अपराध के दायरे में लाया गया है. इसके साथ ही शादी के बाद पार्टनर के अलावा किसी और से शारीरिक संबंध बनाने पर भी बैन लगाया गया है. हालांकि, कानून में ये कहा गया है कि इस मामले में कार्रवाई कानून तोड़ने वाले लोगों के माता-पिता, पति-पत्नी या बच्चों की शिकायत के बाद ही हो सकेगी.
इंडोनेशिया की आमदनी का बड़ा जरिया हैं सैलानी
इंडोनेशिया अपनी बेमिसाल खूबसूरती की वजह से सैलानियों के बीच बहुत ज्यादा मशहूर है. 2021 में वर्ल्ड इकोनॉमी फोरम के मई 2022 में जारी डेटा के अनुसार, इंडोनेशिया ने ग्लोबल टूरिज्म इंडेक्स में 32वां स्थान हासिल किया था. यहां पर्यटन उद्योग केवल देश की आमदनी का ही नहीं बल्कि निवेश और रोजगार का भी जरिया है. इसलिए विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इस कानून की वजह से इंडोनेशिया में विदेशी सैलानियों की संख्या घट सकती है जिससे देश के पर्यटन उद्योग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा.
इंडोनेशिया समेत कई देशों ने कानून का विरोध किया
इस विवादास्पद कानून के खिलाफ इस हफ्ते जकार्ता में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए. वहीं, मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली दुनिया भर की एजेंसियों ने भी इस कानून को 'विनाशकारी' करार दिया है. अविवाहित जोड़ों को एक साथ रहने पर रोक लगाने पर इस कानून को इस हफ्ते अदालत में चुनौती दिए जाने की उम्मीद है.
बता दें कि इस दंड संहिता को तीन साल से पारित करने की योजना चल रही थी लेकिन विरोध की वजह से ऐसा हो ना सका. ये इंडोनेशिया के नागरिकों के साथ ही वहां रह रहे विदेशियों और सैलानियों पर भी लागू होगी.
नए क्रिमिनल कोड का ऑस्ट्रेलिया में भी विरोध
इस नए विवादास्पद कानून की ऑस्ट्रेलिया के समाचार पत्रों ने भी खूब आलोचना की है क्योंकि इंडोनेशिया खासतौर पर बाली ऑस्ट्रेलियाई लोगों के बीच सबसे पसंदीदा फॉरेन टूरिस्ट स्पॉट के रूप में मशहूर है. बाली में हर साल बड़े पैमाने पर ऑस्ट्रेलियाई सैलानी पहुंचते हैं.
इस बीच हालांकि कई विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि ये नई दंड संहिता का पर्यटकों पर कुछ खास असर नहीं होगा क्योंकि आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए आरोपी जोड़े के बच्चों, माता-पिता या पति या पत्नी द्वारा शिकायत दर्ज करने की जरूरत होगी.
बाली आने वाले पर्यटकों में सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई नागरिक
इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था ऑस्ट्रेलियाई सैलानियों पर बहुत अधिक निर्भर करती है जो कोरोना महामारी से पहले इंडोनेशिया के पर्यटन क्षेत्र की आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत थे. यहां हर महीने हजारों ऑस्ट्रेलियाई खूबसूरत बाली द्वीप के गर्म मौसम का आनंद लेने के लिए आते हैं. वो यहां सस्ती बियर का आनंद लेते हैं और पूरी रात समुद्र तट पर पार्टियों में मस्ती करते हैं.
इतना ही नहीं, विदशी खासकर ऑस्ट्रेलियाई लोगों में बाली के खूबसूरत बीचों पर शादी करने का चलन भी काफी आम हैं. ऑस्ट्रेलिया के हजारों छात्र अपने ग्रैजुएट होने का जश्न मनाने के लिए हर साल बाली आते हैं.
इस कानून से नाराज लोग
इंडोनेशिया में लागू इस कानून पर सैलानियों के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों ने काफी नाराजगी जताई है.
2017 से बाली में काम कर रहे योमन नामक टूर गाइड ने बीबीसी को बताया कि नए कानूनों का असर पूरे इंडोनेशिया खासतौर पर बाली पर बहुत खतरनाक होगा.
उसने कहा, ''मैं बहुत चिंतित हूं, क्योंकि मैं वास्तव में पर्यटन पर निर्भर हूं.''
2017 में 18 महीनों तक बाली में रहीं कनाडा की मशहूर ट्रैवल ब्लॉगर मेलिसा गिरौक्स ने बीबीसी से कहा कि वो हैरान हैं कि इतने सालों तक चर्चा होने के बाद भी ये कानून लागू हो गया.
वो कहती हैं, ''जाहिर है कि ये कानून लागू होने के बाद पर्यटक जेल जाने का जोखिम उठाने के बजाय कहीं और जाना पसंद करेंगे. मैं उन सिंगल लोगों के बारे में भी नहीं सोच रही हूं जो बाली में पार्टी करने आते हैं या जिन्हें अपनी यात्रा के दौरान किसी के साथ प्यार हो जाता है. ऐसे में वो क्या करेंगे.''
इंडोनेशिया की सरकार का दावा, विदेशी पर्यटकों पर नहीं होगा असर
इस कानून के तहत शारीरिक संबंध बनाने वाले अविवाहित जोड़ों को एक साल तक की जेल हो सकती है और बिना शादी के साथ रहने वालों को छह महीने तक की जेल हो सकती है. इस नई दंड संहिता का मतलब है कि अगर कोई महिला या पुरुष कानून तोड़ता है तो शिकायत सबसे पहले आरोपी जोड़े के बच्चों, माता-पिता या पति या पत्नी द्वारा की जाएगी.
वहीं, ये कानून पास करने वाले नेताओं का कहना है कि हमारा मकसद सिर्फ इंडोनेशिया के मूल्यों और विवाह जैसी संस्था की रक्षा करना है. हम कानून लागू होने के बाद समाज में संतुलन बनाए रखेंगे. नए कानूनों का मकसद ये कतई नहीं कि इसके नाम पर लोग दूसरों पर नैतिकता थोपने लगें.
कानून पारित करने वाले नेताओं ने दी ये दलील
इंडोनेशिया के न्याय मंत्रालय के एक प्रवक्ता एल्बर्ट एरीस ने यह कहकर लोगों की चिंताओं को कम करने की कोशिश की कि ये कानून पर्यटकों को प्रभावित नहीं करेंगे क्योंकि अपराध का मामला तभी बनेगा जब पुलिस शिकायत करने वाला कोई इंडोनेशियाई नागरिक होगा. यानी अगर कोई अविवाहित महिला-पुरुष शारीरिक संबंध बनाते हैं तो उनकी शिकायत कोई इंडोनेशियाई नागरिक ही कर सकेगा. इस तरह विदेशी सैलानियों के ऊपर केस बनने की गुंजाइश बहुत कम है
एल्बर्ट एरीस ने ऑस्ट्रेलियन न्यूज वेबसाइट WATodayy.com को बताया, ''इसलिए ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.''
मानवाधिकार संस्थाओं ने जताई आपत्ति
इस कानून के आलोचकों ने इन दावों को सैलानियों को गुमराह करने वाला बताया है.
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले अमेरिका के संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच के सीनियर रिसर्चर एंड्रियास हार्सोनो ने ऑस्ट्रेलियन ब्रॉसकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) से कहा, ''मान लें कि एक ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक का प्रेमी या प्रेमिका लोकल है और अगर उसके माता-पिता या भाई या बहन ने उस सैलानी के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी तो वो फंस सकता है.''
नया कानून इंडोनेशियाई और विदेशियों को प्रभावित करेगा लेकिन पुलिस केवल तभी जांच करेगी जब उन्हें परिवार के किसी सदस्य से शिकायत मिलती है
हरसोनो ने इस पर कहा कि यह तर्क कि पुलिस केवल तभी जांच करेगी जब कोई परिवार का सदस्य शिकायत करता है, अपने आप में खतरनाक है, क्योंकि इस कानून का लोकल लोग व्यक्तिगत दुश्मनी के लिए फायदा उठा सकते हैं.
मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया क्यों है सैलानियों का फेवरेट
विश्व के तीसरे सबसे बड़े लोकतंत्र इंडोनेशिया में 87 प्रतिशत मुसलमान, लगभग 10 प्रतिशत ईसाई, 1.6 प्रतिशत हिन्दू और 0.7 प्रतिशत आबादी बौद्ध धर्म की है. मुस्लिम बहुल होने के बावजूद इंडोनेशिया अपने यहां सभी धर्मों और संस्कृति को स्वतंत्रता देने के लिए जाना जाता है. स्वतंत्र और उदार माहौल की वजह से भी इंडोनेशिया दुनिया भर के सैलानियों का पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट है.
ऑस्ट्रेलिया के पर्थ स्थित गैर-सरकारी संगठन इंडोनेशिया इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2019 में 12.3 लाख ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक बाली आए थे जो एक रिकॉर्ड था. वहीं, इसकी तुलना अगर साल 2021 से करें तो महामारी की वजह से पूरे साल में केवल 51 विदेशी पर्यटक ही बाली आए थे.
महामारी के बाद इंडोनेशिया का पर्यटन क्षेत्र धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है. जुलाई 2022 में इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने देश में 4,70,000 से अधिक विदेशी पर्यटकों का आगमन दर्ज किया था जो अक्टूबर 2021 में कोविड-19 के प्रतिबंधों में ढील के बाद से सबसे अधिक संख्या है.
ह्यूमन राइट्स वॉच एशिया के डिप्टी निदेशक फिल रॉबर्टसन ने इस कानून के खिलाफ ट्वीट कर कहा, ''ये नए कानून बाली के पर्यटन उद्योग को तबाह कर सकते हैं.''