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महाशिवरात्रि 2025 का त्योहार आने ही वाला है. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है और व्रत भी रखा जाता है. इस दिन लोग उपवास रखते हैं और भगवान शिव के मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं. पूरे भारत में भगवान शिव के भक्त काफी ज्यादा होने के कारण यहां भगवान शिव के कई मंदिर हैं. लेकिन आज हम आपको भगवान शिव के कुछ बेहद ही प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप इस शिवरात्रि दर्शन के लिए जा सकते हैं. आइए जानते हैं भगवान शिव के कुछ फेमस मंदिरों के बारे में-
काल भैरव नाथ मंदिर-वाराणसी,उत्तर प्रदेश- यह मंदिर भगवान शिव के अवतार भगवान काल भैरव को समर्पित है. यह मंदिर लिस्ट में सबसे ऊपर है क्योंकि इस मंदिर में भगवान को सिर्फ शराब चढ़ाई जाती है. यहां आपको मंदिर के बाहर शराब की अच्छी खासी वैरायटी देखने को मिल जाएगी. दिलचस्प बात यह है कि पंडित भगवान को शराब चढ़ाते हैं और फिर खाली बोतल को भक्तों को प्रसाद के रूप में वापस दे देते हैं. यहां पर मिठाई का भोग नहीं लगाया जाता और ना ही भगवान को फूल चढ़ाए जाते हैं.
कैलाश मन्दिर, एलोरा, महाराष्ट्र- यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है. कैलाश मंदिर सबसे बड़ा रॉक-कट हिंदू मंदिर है जिसे 16वीं शताब्दी में एलोरा गुफाओं, औरंगाबाद में बनाया गया था. इस कैलाश मंदिर की संरचना एक ही चट्टान पर बनी है और दिलचस्प बात यह है कि इसमें रामायण का प्रतिपादन उकेरा गया है.
लिंगराज मंदिर, ओडिशा- यह भगवान शिव को समर्पित 54 मीटर ऊंचा भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर है. इसे 1090 से 1104 ई. के बीच बनाया गया था. कई रिपोर्टों और मान्यताओं के अनुसार, गर्भगृह के अंदर, लिंग स्वयंभू यानी लिंग की उत्पत्ति अपने आप हुई है. इसलिए इसे स्वयंभू कहा जाता है. ऑप्टिकल इल्यूजन के कारण मंदिर अक्सर अपने वास्तविक आकार से बहुत बड़ा दिखाई देता है.
मीनाक्षी अम्मन मंदिर- मीनाक्षी अम्मन मंदिर, तमिलनाडु के मदुरै शहर में है. यह मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है. इसे मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मंदिर भी कहा जाता है. यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है. यह पूरे देश में भगवान शिव का इकलौता ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान की मूर्ति मुस्कुराते हुए है.
तारकेश्वर मंदिर, पश्चिम बंगाल - पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में स्थित इस मंदिर में जिस लिंग की पूजा की जाती है, वह वास्तव में राजा विष्णु दास को प्राचीन काल में जंगल में मिला था. भगवान शिव के सपने में आने के बाद राजा विष्णु दास ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था, जो आज भी मौजूद है.