Advertisement

105 साल की दादी बनीं प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का चेहरा

जिस उम्र में लोगों को रिटायर मान लिया जाता है, उस उम्र में कुंवर बाई को देश की एक सबसे बड़ी योजना का चेहरा चुना गया है. 105 साल की कुंवर बाई को स्वच्छ भारत अभियान के लिए शुभंकर(मस्कट) चुना गया है.

कुंवर बाई कुंवर बाई
भूमिका राय
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

जिस उम्र में लोगों को रिटायर मान लिया जाता है, उस उम्र में कुंवर बाई को देश की एक सबसे बड़ी योजना का चेहरा चुना गया है. 105 साल की कुंवर बाई को स्वच्छ भारत अभियान के लिए शुभंकर(मस्कट) चुना गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को स्वच्छता दिवस के मौके पर उन्हें सम्मानित करेंगे.

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में गंगरेल जलाशय के पास कुदरत की खूबसूरती और वन संपदाओं से हरा-भरा गांव कोटार्भी है.धमतरी में जब लोगों से शौचालय बनाने की अपील की गई तो कुंवर बाई सबसे पहले इस काम में अपना सहयोग देने के लिए आगे आईं.

Advertisement

बकरियां चराकर जीवन-यापन करने वाली कुंवर बाई ने बकरियां बेचकर 22 हजार रुपये में गांव में सबसे पहले शौचालय बनवाया. यही नहीं, उन्होंने बाकायदा घर-घर जाकर लोगों को शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया और गांववालों को इसके फायदे समझाने में कामयाब भी हुईं. इस गांव के लोग अब खुले में शौच नहीं जाते हैं.

कोटार्भी में लगभग साढ़े चार सौ लोगों की जनसंख्या है. गांव को खुले में शौच मुक्त बनाने और बेमिसाल नेतृत्व क्षमता का परिचय देने वाली कुंवर बाई की कहानी प्रेरक है. बकरियां चराकर जीवन-यापन करने वाला बूढ़ा शरीर भले ही जवाब दे रहा हो लेकिन उनकी जिंदादिली और जुझारुपन हर किसी के लिए एक उदाहरण है. आखि‍र उन्हीं की बदौलत कोटार्भी के लोग 15 जुलाई को अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर चुके हैं.

Advertisement

फरवरी में जब प्रधानमंत्री एक रैली के लिए उनके गांव पहुंचे तो उन्होंने कुंवर बाई के पैर छुए, उनका आशीर्वाद लिया और उनके सराहनीय प्रयास के लिए उनका धन्यवाद किया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement