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दुनिया भर के साथ-साथ डायबिटीज की बीमारी इंडिया में भी काफी तेजी से फैल रही है. WHO का अनुमान है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के 7.7 करोड़ लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं. तेजी से फैलती हुई इस बीमारी पर लगातार रिसर्च हो रही हैं. हाल ही में डायबिटीज की एक नई स्टडी सामने आई है जिसमें पता चला है कि महिलाएं अगर हर कुछ दिन में एक खास फल खाती हैं तो उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है. अब वह फल कौन सा है और उसे कब खाना चाहिए, इस बारे में जान लीजिए.
क्या कहती है स्टडी
नए रिसर्च से पता चला है कि हर दिन थोड़ी मात्रा में एवोकाडो खाने से महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है. लेकिन अगर पुरुष खाएंगे तो उन्हें इससे डायबिटीज संबंधित कोई फायदा नहीं होगा. रिसर्चर्स टीम ने एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स के जर्नल में लिखा, 'इस स्टडी में एवोकाडो और डायबिटीज के बीच संबंध पाया गया है. इसका कारण है कि एवोकाडो में अन्य फलों की तुलना में ग्लाइसेमिक इंडेक्स, सुक्रोज और ग्लूकोज कम होता है. इसमें जो चीनी होती है, उसमें 7 कार्बन होते हैं जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं.'
रिसर्चर्स ने बताया, 'एवोकाडो में एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्व भी होते हैं जो इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं जो टाइप 2 डायबिटीज की पहचान होती है. रजिस्टर्ड डायटीशियन और पीपल हेल्थ के डॉक्टर वेंडी बाजिलियन का कहना है कि अवोकाडो काफी अच्छा फल है जो हार्ट के लिए भी अच्छा है.
हेल्दी होता है एवोकाडो
डॉक्टर वेंडी ने कहा, 'एवोकाडो की न्यूट्रिशनल प्रोफाइल की बात करें को उसमें हेल्दी फैट, फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. स्टडी के निष्कर्ष को देखकर मैं हैरान नहीं हूं कि इसे खाने से डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है. ऐसा बिल्कुल हो सकता है.'
'रिसर्च में मैक्सिकन नेशनल हेल्थ और न्यूट्रिशन सर्वे में भाग लेने वाले 25,640 लोगों पर यह स्टडी की गई थी जिसमें से 60 प्रतिशत से अधिक लोग अधिक वजन या मोटापा वाली श्रेणी में आते थे. करीब 45 प्रतिशत पुरुष थे और 55 प्रतिशत महिलाएं. पुरुषों को रोजाना 34.7 ग्राम और महिलाओं को 29.8 ग्राम एवोकाडो खाने दिया गया क्योंकि एवोकाडो की मीडियम सर्विंग मात्रा लगभग 50 ग्राम है.
उम्र, पढ़ाई, वजन और फिजिकल एक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए पाया गया कि ऐसा करने से महिलाओं की डायबिटीज में कमी आई. पुरुष में कोई रिजल्ट नहीं मिला तो इस पर रिसर्चर्स ने बताया कि रिसर्च में धूम्रपान करने वाली महिलाओं (लगभग 12%) की तुलना में धूम्रपान करने वाले पुरुषों का प्रतिशत (लगभग 38%) अधिक था.
धूम्रपान करने वालों में डायबिटीज होने की अधिक संभावना होती है क्योंकि निकोटीन के संपर्क में आने से इंसुलिन की प्रभावशीलता कम हो सकती है. महिलाओं की तुलना में पुरुषों के अत्यधिक शराब पीने की संभावना अधिक होती है. इससे मेटाबोलिक सिंड्रोम और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. अभी इस पर और रिसर्च की जा रही है.