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पैरों से लिखने वाली पुष्पा देख रही है PCS बनने के सपने

पुष्पा स्कूल टीचर हैं लेकिन उनका सपना प्रशासनिक अधिकारी बनने का है. यह ख्वाब तो कई युवा देखते हैं लेकिन पुष्पा का मामला अलग है और वाकई शि‍क्षाप्रद भी.

दिव्यांग छात्रा पुष्पा दिव्यांग छात्रा पुष्पा
भूमिका राय
  • लखनऊ,
  • 18 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST

इरादा पक्का हो तो बड़ी से बड़ी दीवार भी गिर जाती है. आपने लोगों को सिर्फ ऐसा कहते सुना होगा लेकिन बहराइच की पुष्पा ने इसे साबित करके दिखाया है.

दिव्यांग पुष्पा सिंह हाथों से अक्षम हैं लेकिन उन्होंने इसे कभी भी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. वह अपने पैरों से लिखती हैं. उनकी इस प्रतिभा से उनके घरवाले और आस-पास के लोग तो पहले से ही परिचित थे लेकिन जब वह पीसीएस लोअर की परीक्षा देने पहुंचीं तो उनकी हिम्मत देखकर सभी हैरान रह गए.

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पुष्पा स्कूल टीचर हैं लेकिन उनका सपना प्रशासनिक अधिकारी बनने का है. प्रशासनिक अधिकारी बनकर पुष्पा समाज में बदलाव लाना चाहती हैं.

पुष्पा को वि‍कलांग शब्द से नफरत है और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहती हैं कि उन्होंने बहुत अच्छा किया जो इस शब्द को हटा दिया.

पुष्पा शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी रही हैं. हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होने वाली पुष्पा ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन भी कर चुकी हैं.

पुष्पा पैदाइश से ही अक्षम हैं. बावजूद इसके वह अपने किसी भी काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पसंद नहीं करतीं और अपने सारे काम पैरों से ही करती हैं. पुष्पा चाहती हैं कि उनके जैसी जितनी भी लड़कियां हैं, वे आगे बढ़ें और किसी भी प्रकार की हीन भावना को अपने मन में न आने दें.

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