
साफ-सफाई से रहना एक आदत है. आमतौर पर लोग घर की सफाई मेहमानों के लिए करते हैं. बहुत कम लोग ही ऐसे हैं जो सेहत को ध्यान में रखकर घर की साफ-सफाई करते हैं. लेकिन साफ-सुथरे घर में रहने की एक बहुत बड़ी वजह सामने आई है. एक अध्ययन के मुताबिक, गंदे और अस्त-व्यस्त घर में रहने से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है.
अध्ययन के मुताबिक, गंदे और बिखरे हुए घर में रहने से बांझपन की आशंका काफी बढ़ जाती है. दरअसल, घर में मौजूद धूल के कण अपने में कई विषाक्त रसायनों को लिए हुए होते हैं. इसके अलावा गंदे घर में रहने से कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.
खतरनाक phthalates रोजमर्रा की लगभग हर चीज में मौजूद होते हैं. फूड पैकेज, हेयर स्प्रे, कॉस्मेटिक्स, साबुन इन सभी चीजों का इस्तेमाल हम रेग्युलर करते हैं और इनमें मौजूद रसायन अस्थमा और अर्ली मेनोपॉज का कारण बन सकते हैं.
जब हम इन चीजों का इस्तेमाल करते हैं तो इनमें मौजूद रसायन हवा में घुल जाते हैं और उसके बाद धूल के कणों से मिलकर घर में फैल जाते हैं. यही धूल के कण घर की चीजों, फर्श, खाने की चीजों पर जाकर बैठते हैं.
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को घर में मौजूद धूल के कणों में ऐसे कई खतरनाक रसायन मिले हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि जब हम सांस लेते हैं तो घर में मौजूद ये धूल के कण हमारी नाक में चले जाते हैं. हालांकि नाक में मौजूद रोम इन्हें छानने का काम करते हैं, बावजूद इसके कुछ कण शरीर में प्रवेश कर ही जाते हैं. ये धूल के कण सेहत पर बुरा असर डालते हैं.
अध्ययन प्रमुख एमी जोटा का कहना है कि घर में मौजूद ये खतरनाक धूल के कण, बच्चों के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह होते हैं. ऐसे बहुत से अध्ययन आ चुके हैं जिनमें गंदे घर को बीमारियों का घर बताया गया है लेकिन ये अपनी तरह का पहला अध्ययन है जिसमें गंदगी को बांझपन से जोड़कर देखा गया है. ऐसे में अगर आप अभी तक घर की साफ-सफाई को लेकर ढुलमुल रवैया रखती आई हैं तो सावधान हो जाइए. कहीं घर की ये गंदगी आपसे आपकी सबसे बड़ी खुशी ही न छीन ले.