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ईरान: वर्जिनिटी खोने पर लड़कियां ये काम करने को मजबूर, डॉक्टर्स परेशान!

शादी से पहले वर्जिनिटी टेस्ट कराना भारत समेत दुनिया के कई देशों में काफी आम है. इन देशों में अक्सर लोग ऐसी महिलाओं या लड़कियों से शादी करना पसंद करते हैं जो वर्जिन हो. इसके लिए शादी से पहले लड़की का वर्जिनिटी टेस्ट किया जाता है. बदलते समय के साथ भारत में वर्जिनिटी टेस्ट के ये मामले कम होने लग गए हैं लेकिन दुनिया में अभी भी कुछ देश ऐसे हैं जहां ये काफी आम है.

Iranian women still being forced into Virginity Tests (Photo Credit: Getty Images) Iranian women still being forced into Virginity Tests (Photo Credit: Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

भारत समेत दुनिया भर में महिलाओं को कई तरह के टैबू का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक वर्जिनिटी भी है. भारत में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां लोग शादी से पहले लड़की की वर्जिनिटी टेस्ट करवाते हैं जबकि पुरुषों के लिए ऐसा कोई पैमाना सेट नहीं किया गया है. 

हालांकि, समय के साथ ही यह चीजें कम हुई हैं लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाई हैं. अभी भी कई ऐसे देश हैं जहां पर शादी से पहले लड़कियों का वर्जिनिटी टेस्ट कराना काफी जरूरी माना जाता है और उसी के आधार पर यह डिसाइड किया जाता है कि उससे शादी करनी है या नहीं. ऐसे ही एक देश के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जहां वर्जिनिटी टेस्ट के आधार पर दहेज भी तय होता है. हम बात कर रहे हैं ईरान की. 

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ईरान में रहने वाली हजारों महिलाओं और लड़कियों के लिए शादी से पहले वर्जिनिटी टेस्ट करना जरूरी होता है. यह टेस्ट बिना किसी मेडिकल बेसिस पर करवाया जाता है. जो महिलाएं इस टेस्ट में फेल हो जाती हैं, उन्हें हाइमन रिपेयर सर्जरी के लिए फोर्स किया जाता है. यहां ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं जहां वर्जिनिटी टेस्ट में फेल होने वाली महिलाओं को जान से मार दिया जाता है.

वर्जिनटी टेस्ट का कोई मेडिकल आधार नहीं है लेकिन ईरान में रहने वाले लोग लड़की पर इस टेस्ट को कराने के लिए दबाव बनाते हैं. इस वर्जिनिटी टेस्ट पर ईरान की महिलाओं का कहना है कि उन्हें यह कैरेक्टर सर्टिफिकेट बिल्कुल भी पसंद नहीं है क्योंकि उन्हें इसके लिए अजीबोगरीब टेस्ट से गुजरना पड़ता है. वर्जिनिटी टेस्ट के लिए क्लिनिक गई एक महिला ने बताया कि उसे यहां आना बिल्कुल भी पसंद नहीं है लेकिन परिवार के दबाव के कारण उसे यह करना पड़ा. 

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ईरान में रहने वाली एक और महिला ने कहा कि वर्जिनिटी का प्रूफ देना मेरे चरित्र का अपमान करना है. यह एक तरह से मेरी निजता पर हमला और यौन उत्पीड़न है.

वर्जिनिटी टेस्ट पर रेडियो फ्री यूरोप से बात करते हुए ईरान के एक डॉक्टर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इस टेस्ट के लिए लड़के वालों की तरफ से दबाव बनाया जाता है बल्कि कई बार तो लड़की की फैमिली इस टेस्ट के लिए लड़की पर दबाव डालते हैं. डॉक्टर ने कहा कि मेरी ऑब्जर्वेशन के मुताबिक, 90 फीसदी मामलों में यह टेस्ट लड़की के परिवार वाले करवाना चाहते हैं. वहीं, ऐसे बहुत से मामले भी सामने आए हैं जिसमें शादी करने वाले लड़के को लड़की पर पूरा भरोसा होता है और वह वर्जिनिटी टेस्ट के लिए इनकार कर देता है. लेकिन फिर भी लड़की के परिवार वाले वर्जिनिटी टेस्ट के लिए लड़की पर दबाव डालते हैं. 

डॉक्टर ने कहा कि कई बार जब लड़के हमारे क्लिनिक में आते हैं तो मुझे ये सोचकर हैरानी होती है कि वे खुद इस पैमाने पर कितने खरे उतरते हैं? क्या उन्होंने सच में कुछ नहीं किया? 

समानेह सवादी नाम की एक वूमन राइट एक्टिविस्ट ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में बताया कि, इस तरह के टेस्ट महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देते हैं जिसकी कोई मेडिकल वैलिडिटी नहीं होती. इस टेस्ट के कारण महिलाओं की गरिमा को भी ठेस पहुंचती है. हम सभी जानते हैं कि इस तरह के टेस्ट हमारे समाज में धड़ल्ले से करवाए जा रहे हैं.

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ईरान में लोग अपनी बेटियों और पत्नियों को मेडिकल सेंटर्स में ले जाकर उनका टेस्ट करवाते हैं. ईरान के कुछ हिस्सों में आज भी वर्जिनिटी से जुड़े इन रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है. इन रीति-रिवाजों के मुताबिक, शादी की रात जिसे सुहागरात भी कहा जाता है लड़की के बिस्तर में व्हाइट चादर बिछाई जाती है या रुमाल रखा जाता है और अगले दिन उस पर खून के निशान देखे जाते हैं. 

इसके अलावा जो महिलाएं वर्जिनिटी टेस्ट में फेल होती हैं, उन पर हाइमन रिपेयर सर्जरी करवाने का प्रेशर डाला जाता है. इसके लिए ईरान में काफी पैसे भी खर्च किए जाते हैं. ईरान स्थित स्त्री रोग विशेषज्ञ फरिमाह फाराहानी का कहना है कि दुर्भाग्य से,  ये हाइमन रिपेयर सर्जरी ईरान में पैसे कमाने का सबसे बड़ा जरिया बन गया है.

हाइमन रिपेयरिंग के दौरान महिलाओं के प्राइवेट पार्टी की ओपनिंग को सिल दिया जाता है और जब इंटरकोर्स होता है तो यह सिला हुआ हिस्सा खुल जाता है जिसके कारण ब्लीडिंग होती है. ऐसे बहुत से लोग हैं जो महिलाओं से इसी तरह की उम्मीद करते हैं. लेकिन हाइमन रिपेयरिंग की जो प्रक्रिया यहां अपनाई जाती है, उसे मेडिकल साइंस में कोई मान्यता प्राप्त नहीं है. 

जेंडर रिसर्चर जायरा बघेर-शाद ने कहा कि जो महिलाएं वर्जिनिटी  टेस्ट में फेल होती हैं, उन्हें कई तरह के बुरे नतीजों का सामना करना पड़ता है. जब किसी लड़की के वर्जिन ना होने या शादी से पहले गैर मर्द से शारीरिक संबंध बनाने का पता चलता है तो कई बार उसकी जान तक ले ली जाती है.

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