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नोटबंदी: सात महीने की बच्ची को साथ लेकर काम रही है बैंकर मां

नोटबंदी के बाद जहां चारों तरफ लोग परेशान हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ अपने फर्ज को बाखूबी अदा कर रहे हैं. कंचन प्रभा एक ऐसा ही उदाहरण हैं. जानें कैसे मैनेज कर रही हैं वह काम और बच्चे की जिम्मेदारी...

कंचन अपने सात महीने के बच्चे के साथ कंचन अपने सात महीने के बच्चे के साथ
सुजीत झा
  • बिहार ,
  • 18 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:36 PM IST

केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से देशभर में अफरा-तफरी का माहौल है. बैंक से लेकर एटीएम तक के आगे लंबी लाइन लगी है. ग्रामीण स्तर के बैंक के अधिकारी से लेकर आरबीआई तक के पदाधिकारी आम जनता की परेशानियों को दूर करने में लगे हैं.

इन सब स्थितियों के बीच एक बैंक अधिकारी ऐसी भी हैं जिसकी सब तरफ चर्चा है. चर्चा इसलिए क्योंकि बैंक में ड्यूटी पर तो आ रही है लेकिन अकेले नहीं बल्कि अपने सात माह के मासूम बच्चे के साथ.

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बिहार के खगड़िया इलाहाबाद बैंक की महिला कर्मी कंचन प्रभा नोटबंदी के इस दौर में मिसाल पेश कर रही हैं. अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ बैंक आती है और आम जनता के नोट को बदलने का काम करने के साथ ही बैंक के और दूसरे कामों में भी हिस्सा लेती हैं.

देश के सामने जब-जब चुनौतियां आई हैं, तब-तब देश के नागरिकों ने एकजुटता से उसका मुकाबला किया है. मुकाबले में हमेशा पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिलाओं ने भी साथ दिया है.

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बेटी के साथ निभाती हैं फर्ज
बैंककर्मी कंचन प्रभा प्रतिदिन अपनी सात माह की प्यारी बेटी पंखुड़ी को लेकर बैंक आती हैं. भीड़ से जूझती हैं और अपने फर्ज को निभाती हैं. इलाहाबाद बैंक में काम करनेवाली कंचन प्रभा का मानना है कि अभी की स्थिति में बिना आराम किए देश की जनता की सेवा करना ही परम धर्म है.

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कंचन ने कहा कि जब देश काला धन से परेशान है, उस समय बैंक कर्मियों को जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभानी है. उन्होंने कहा कि देश और समाज की सेवा के लिए सबुह 8 बजे से ही बैंक आने की तैयारी में लग जाती हैं और बैंक आकर अपने दायित्व को निभाती हैं.

कंचन प्रभा बैंक में दूध और सारे इंतजाम अपने बच्चे के लिए साथ लाती हैं ताकि बच्चे को किसी तरह की परेशानी नहीं हो और बीच-बीच में वह जब भी ब्रेक होता है, वह बच्चे का ख्याल करती है.

पति के साथ सभी को है गर्व
कंचन प्रभा खगड़िया में तो उनके पति प्रभात कुमार मुंगेर में रहते हैं. कंचन के पति मुंगेर व्यवहार न्यायालय में एपीओ हैं. प्रभात कुमार को भी अपनी पत्नी की कर्मठता पर गर्व है. कंचन को इस चुनौती से निबटने में बैंक के कर्मचारी भी सहयोग करते हैं. बैंक के लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति है कि छुट्टी का नामोनिशान नहीं है. हमें मिलकर अपना फर्ज निभाना है, इसलिए सभी कंचन प्रभा के जज्बे को सलाम करते हैं और उन्हें सहयोग करते हैं.

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बैंक के शाखा प्रबंधक सुमन कुमार सिन्हा ने कहा कि कंचन जैसे कर्मचारी पर हमें गर्व है. हमलोग हर संभव मदद दे रहे हैं. यह वह समय है जब हर बैंकर को अपना सबसे अच्छा काम को अंजाम देना है. यह बैंक के दूसरे कर्मचारियों के लिए प्रेरणादायी बात है.

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