
किशोरावस्था में किसी भी लड़की के लिए किसी रिश्ते में आकर प्रेग्नेंट हो जाना बेहद डरावनी खबर हो सकती है. वही लड़की जब 20 से 24 या 25 साल की होती है तो वो अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के तरीकों के बारे में सोचती है और अपनी सहेलियों से इस बारे में बातें भी करती है. लेकिन कुछ ही समय बाद उसी लड़की के लिए प्रेग्नेंट होना दुनिया की सबसे जरूरी चीज हो जाता है. वो हर हाल में जल्द से जल्द मां बनना चाहती है. मां बनना दुनिया की हर महिला के लिए बेहद खूबसूरत एहसास होता है लेकिन ये अपने साथ कई चुनौतियां और परेशानियां भी लेकर आता है.
आज के समय में जब खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से महिलाओं की फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) पर बुरा असर पड़ रहा है जिसकी वजह से कई महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. वहीं, कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो बड़ी आसानी से गर्भवती हो जाती हैं. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं उन सात संकेतों के बारे में जो ये बताते हैं कि आप कितनी फर्टाइल हैं.
1- अगर आपकी उम्र है 20 से 25 साल
अभी तक हुईं दुनिया भर की रिसर्च में ये बात सामने आई है कि 20-24 साल की उम्र के बीच किसी भी महिला में प्रजनन क्षमता सबसे अच्छी होती है. हालांकि प्रजनन क्षमता की आयु सीमा सभी महिलाओं के लिए समान नहीं होती है और इनमें अंतर हो सकता है. लेकिन रिसर्चों में सामने आया है कि उम्र के साथ प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है.
2-पीरियड्स होते हैं रेगुलर
हम सभी का पीरियड साइकल कभी-कभी गड़बड़ होता है जो सामान्य बात है लेकिन ये ज्यादा गड़बड़ होता है तो ये टेंशन वाली बात हो सकती है. वहीं, अगर आप उन लोगों में एक हैं जिनके पीरियड्स हर महीने समय पर होते हैं और आपका मेन्स्ट्रुअल साइकल बिलकुल परफेक्ट है तो ये निशानी है कि आप बेहद फर्टाइल हैं.
3-जीन्स का संबंध
जब भी गर्भावस्था के बारे में बात करती होंगी तो आपने अक्सर दूसरी महिलाओं से उनके या उनके करीबियों से प्रेग्नेंसी में आने वाली दिक्कतों या आसानी के बारे में सुना होगा. लेकिन फैमिली हिस्ट्री के आधार पर किसी महिला की फर्टिलिटी के बारे में अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है.
4-वजाइनल डिस्चार्ज
अगर मेन्स्ट्रुअल साइकल के बीच में वजाइना से क्लियर, बिना किसी दुर्गंध वाला सर्वाइकल म्यूकस डिस्चार्ज आता है तो ये अच्छा संकेत है. इसका मतलब है कि आपका सर्विक्स स्पर्म को आसानी से मूव करने और इम्प्लांटेशन में मदद करता है और यह गर्भधारण के शुरुआती स्टेज के लिए बेहद जरूरी है.
5. PMS (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) के लक्षण
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के दौरान मूड स्विंग, बार-बार खाने की इच्छा, पेट के निचने वाले हिस्से में दर्द, थकान, चिड़चिड़ापन और अवसाद PMS के लक्षण हैं. हर चार में तीन महिलाओं को पीरियड्स में इनमें कोई ना कोई लक्षण का अनुभव जरूर होता है. ये स्थिति भले ही आपको अच्छी ना लगे लेकिन ये फर्टिलिटी की निशानी है. इन लक्षणों का मतलब है कि आपका शरीर वैसे ही काम कर रहा है जैसे उसे काम करना चाहिए. हालांकि ज्यादा दर्द में डॉक्टर को दिखाना चाहिए.