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महिलाओं के लिए टैक्स बचाने के कई तरीके, जानें यहां

कामकाजी महिलाएं इन तरीकों से टैक्स कटौती से अपनी सैलरी बचा सकती हैं. जानिए एक्सपर्ट्स से.

टैक्स सेविंग के तरीके टैक्स सेविंग के तरीके
प्रज्ञा बाजपेयी
  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 5:37 PM IST

वर्तमान समय में मध्यम वर्ग की कामकाजी महिलाएं अपनी तनख्वाह में से टैक्स की कटौती को लेकर चिंतित रहती हैं लेकिन अब उन्हें इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि कुछ तरीके ऐसे हैं, जिनके जरिए वे अपना टैक्स बचा सकती हैं. पॉलिसी बाजार डॉट कॉम की लाइफ इंश्योरेंस की हेड (महिला) संतोष अग्रवाल बता रही हैं टिप्स.

बीमा के तहत टैक्स कटौती का विकल्प: हालांकि बीमा एक सुरक्षा साधन है लेकिन टैक्स बचाने के लिए यह कभी भी प्राथमिक साधन नहीं रहा है. लेकिन फिर भी यह जीवन बीमा के अंतर्गत धारा 80सी एवं 10 (10डी) के तहत और स्वास्थ्य बीमा में 80डी के तहत टैक्स छूट का लाभ प्रदान करता है.

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यूलिप: नई पीढ़ी के यूलिप के प्रचलन में आने और युवाओं के बीच सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प होने के साथ ही यह धारा 80सी के तहत टैक्स छूट भी प्रदान करते हैं. लगभग बिना किसी प्रीमियम आवंटन शुल्क और पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन शुल्क के साथए यूलिप्स एक कम लागत वाला निवेश उत्पाद है. आईआरडीएआई ने फंड मैनेजमेंट शुल्क की उच्चतम सीमा 1.35 फीसदी तय की है, ऐसे में इसके सभी प्रोडक्ट में यह दर 1 से 1.35 प्रतिशत के बीच है.

इसमें आपके निवेश का एक भाग जीवन बीमा के लिए जाता है, वहीं अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए दूसरा भाग मार्केट में निवेश कर दिया जाता है. इसकी कई अन्य विशेषताएं भी हैं जैसे विभिन्न फंड्स के बीच नि:शुल्क अदला-बदली, मृत्यु पर प्रीमियम से मुक्ति, आय लाभ और लॉयल्टी एडिशन इत्यादि.

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पीपीएफ: पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सबसे लोकप्रिय और विश्वसनीय लंबी अवधि निवेश और टैक्स बचत योजनाओं में से एक है. पीपीएफ पर ब्याज की दर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है और इसकी लॉक-इन अवधि 15 वर्ष है, इसलिए यह निवेशक को कर-मुक्त लाभ प्रदान करता है.

अन्य विकल्पों में बाजार से जुड़े उत्पादों में निवेश शामिल हैं, ये अपने अलग जोखिम के साथ आते हैं लेकिन अच्छे रिटर्न भी देते हैं.

बीमा का चयन करना : नौकरीपेशा महिलाओं के लिए टैक्स बचत के विकल्पों की योजना बनाते समय, 80डी एक ऐसा सबसे महत्वपूर्ण सेक्शन है जिस पर अवश्य ध्यान दिया जाना चाहिए. यह प्रति वर्ष 25,000 रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करने पर कर योग्य आय में कटौती की सुविधा प्रदान करता है. स्वास्थ्य बीमा प्रत्येक व्यक्ति और खासतौर पर वेतनभोगी महिलाओं के लिए एक बुनियादी जरूरत है क्योंकि स्वास्थ्य बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान करने से न केवल आपको बीमा कवर मिलता है, बल्कि कई सारे टैक्स लाभ भी मिलते हैं.

धारा 80सी के तहत कटौती : पीपीएफए एनपीएसए यूलिप कुछ ऐसे निवेश विकल्प जिन्हें आप अपना पैसा लगाने के लिए चुन सकते हैं. ये हर साल आपका 1,50,000 रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं. वे महिलाएं, जो अपने सेवानिवृत्ति के दिनों के लिए बचत करना चाहती हैं, उन्हें अपने निवेश की ग्रोथ पर सक्रिय रूप से ध्यान देना चाहिए.

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एनपीएस में निवेश करने से धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ प्राप्त होता है.

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