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एक शेर आपने सुनी होगी कि 'कौन कहता है आसमां में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तबियत से उछालो तो यारो.' रोहतक के एक किसान परिवार में जन्मी तीन बहनों ने देश के सामने कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है.
खेतीबाड़ी करने वाले किसान प्रताप सिंह देशवाल की दो बेटियां प्रीति और दीप्ति और भतीजी ममता ने सेना ज्वाइन किया है. उन्होंने मेडिकल कौर में लेफ्टिनेंट के पद पर ज्वाइनिंग की है.
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हालांकि इन तीनों के लिए पढ़ाई इतना आसान नहीं था. क्योंकि खेतीबाड़ी की आमदनी से महंगी पढ़ाई का खर्च उठाना उनके पिता के मुश्किल था. पर जब पहली बार बेटियों ने अपने सपनों के बारे में जिक्र किया तो प्रताप रोक नहीं पाए. कूबत से ज्यादा मेहनत कर उन्होंने बेटियों को सेना में भेजने की ठान ली और प्रीति, दीप्ति और ममता तीनों ने अलग-अलग पढ़ाई करते हुए सेना में जाने की तैयारी की.
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तीन को मिली अलग-अलग ज्वाइनिंग
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