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गर्भावस्था में मछली खाने से तेज होता है गर्भ में पल रहे बच्चे का दिमाग

मस्तिष्क के विकास के लिए ओमेगा-6 और ओमेगा-3 का संतुलन होना जरूरी होता है. मछली में मौजूद पोषक तत्व मस्तिष्क को तेज करने का काम करते हैं इसलिए गर्भवती महिला को अपनी डाइट में मछली शामिल करना चाहिए.

गर्भावस्था में मछली खाना है फायदेमंद गर्भावस्था में मछली खाना है फायदेमंद
भूमिका राय/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST

मछली खाने से दिमाग तेज होने की बातें पहले भी सामने आती रही हैं. एक नए शोध ने भी इस बात की पुष्ट‍ि कर दी है. शोध में कहा गया है कि गर्भावस्था में मछली खाना आने वाली संतान के लिए फायदेमंद हो सकता है. शोध के मुताबिक, गर्भावस्था में मछली खाने से होने वाले बच्चे का मस्तिष्क स्वस्थ रहता है.

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यह अध्ययन जापान के तोहोकु विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने किया है. इसमें कहा गया है कि मस्तिष्क के विकास के लिए ओमेगा-6 और ओमेगा-3 का संतुलन होना जरूरी होता है. मछली में मौजूद पोषक तत्व मस्तिष्क को तेज करने का काम करते हैं इसलिए गर्भवती महिला को अपनी डाइट में मछली शामिल करना चाहिए.

तोहोकु विश्वद्यिालय की प्रोफेसर नोरिको सूमि के अनुसार, गर्भवती महिला द्वारा संतुलित मात्रा में वसा का सेवन करना भ्रूण के मस्त‍िष्क विकास के लिए बहुत जरूरी होता है.

उनके अनुसार, वसा या लिपिड में मौजूद फैटी एसिड जैसे ओमेगा-6 और ओमेगा-3 जानवरों और मनुष्यों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में से हैं.

इस शोध के लिए मादा चूहों पर परीक्षण किया गया. मादा चूहों को जब ओमेगा-6 युक्त और ओमेगा-3 युक्त आहार नहीं खिलाया गया तो उनकी संतानों ने छोटे मस्तिष्क के साथ जन्म लिया. इसके अतिरिक्त उन संतानों में वयस्क होने पर असामान्य व्यवहार भी पाया गया.

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सूमी के मुताबिक, चूहों के मस्तिष्क में असमान्यता की वजह भ्रूण के मस्तिष्क की मूल कोशिकाओं का समय से पहले बूढ़ा होना है. यह स्थिति ओमेगा-6 और ओमेगा-3 फैटी एसिड के असंतुलन से होती है.

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