
लॉकडाउन में भले ही लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं लेकिन साहित्य आज तक का मंच इस साल भी सज चुका है. तकनीक की मदद से बिना लॉकडाउन को तोड़े तमाम दिग्गजों के साथ साहित्य की महफिल सज चुकी है और शुक्रवार को इसमें मॉडरेटर मीनाक्षी कंडवाल के साथ बैठे रामायण के राम, लक्ष्मण और सीता. यानि जाने माने कलाकार अरुण गोविल, सुनील लहरी और दीपिका चिखलिया.
बातचीत के दौरान एक्टर अरुण गोविल ने अपनी जिंदगी का दिलचस्प किस्सा बताया. उन्होंने बताया कि वह मुंबई एक्टिंग नहीं बल्कि बिजनेस करने आए थे. लेकिन भगवान राम को शायद कुछ और ही मंजूर था. अरुण ने कहा, "इंसान को, खास तौर पर मेल को कुछ तो करना ही होता है. अगर पीछे से और बाप-दादाओं के जमाने से विरासत में कुछ नहीं मिला है तो कुछ तो करना ही होता है. तो मैं या तो नौकरी करता या बिजनेस करता."
अरुण गोविल ने कहा कि उन्हें बिजनेस ज्यादा सूट करता था. पर फिर उन्हें बातें होने के बाद लगा कि वो शायद बिजनेस के लिए ठीक नहीं है. इसके बाद उन्होंने सोचा कि तो फिर उन्हें क्या करना चाहिए. इसके बाद अरुण गोविल ने अपने चारों तरफ निगाह दौड़ाई. उन्हें लगा कि अमैच्योर ही सही लेकिन वह शुरू से ही थिएटर करते रहे हैं. इसके बाद उन्होंने इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने का फैसला किया. अरुण ने बताया कि फिर उन्होंने फिल्मों की तरफ भी रुख किया.
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सब ईश्वर ने दिया
अरुण गोविल ने बताया कि वह काम पहले भी करते रहे थे. उन्होंने सिनेमा और टीवी दोनों में काम किया था. टीवी शो विक्रम बेताल का वह हिस्सा रह चुके थे लेकिन जब उनके जीवन में रामायण आ गई तो उसके बाद उनका पूरा जीवन ही जैसे उसी पर केंद्रित होकर रह गया. अरुण ने कहा कि ईश्वर ने उन्हें जो कुछ दिया उसकी उन्हें आशा कभी भी नहीं थी. उन्होंने कहा कि भगवान साथ होता है तो सब कुछ अच्छा ही होता है.