Advertisement

क्यों चेतन भगत की किताबों के नाम में जड़े होते हैं नंबर, खुल गया राज

एंकर अंजना ने चेतन से पूछा कि उनकी लगभग हर किताब में कोई ना कोई नंबर है. चाहे वो 3 मिस्टेक्स ऑफ माय लाइफ हो, रेवोलुशन 2020, वन नाईट एट द कॉल सेंटर संग तमान किताबों में नंबर डालने की क्या वजह है?

चेतन भगत चेतन भगत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2020,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

e-साहित्य आजतक में भारत के मशहूर लेखक चेतन भगत ने शिरकत की. इस मंच पर चेतन भगत ने एंकर अंजना ओम कश्यप से बातचीत की. उन्होंने अपनी किताबों से लेकर बॉलीवुड की फिल्मों और हिंदी और अंग्रेजी साहित्य जगत के बारे में बात की. ऐसे में उनसे पूछा गया कि आखिर उनकी हर किताब में कोई ना कोई नंबर क्यों होता है?

क्यों किताबों में होता है नंबर?

एंकर अंजना ने चेतन से पूछा कि उनकी लगभग हर किताब में कोई ना कोई नंबर है. चाहे वो 3 मिस्टेक्स ऑफ माय लाइफ हो, रेवोलुशन 2020, वन नाईट एट द कॉल सेंटर संग तमान किताबों में नंबर डालने की क्या वजह है?

इसपर चेतन ने कहा- देखिए मैं पहले इंजिनियर था. अभी भी हूं. मैंने 15-20 साल नंबर्स में बिताए हैं उन्हीं में जिया हूं. नम्बरों की दुनिया से ही मैंने आया हूं. ये मेरा ट्रेडमार्क बन गया है. मेरी लिगेसी है ये. विरासत है मेरी.

क्या हिंदी फिल्मों को ध्यान में रखकर फिल्मी अंदाज में लिखते हैं चेतन?

चेतन भगत से e-साहित्य आजतक एक दौरान पुचा गया कि उनकी किताबों की कहानी और किरदार बॉलीवुड की फिल्मों जैसे होते हैं . तो क्या वो फिल्मों को ध्यान में रखकर अपनी किताबों को लिखते हैं?

इसपर चेतन ने कहा- मेरा हीरो और हीरोइन मध्यम वर्गी भारत से होते हैं. मैं जो लिखता हूं लोग उससे रिलेट कर पाते हैं. अब तो फिल्में भी छोटे शहरों के बारे में बनती हैं. लोग उनसे भी जुड़ पाते हैं.

मेरा कम्पटीशन लेखकों से नहीं

चेतन ने बातों बातों में कहा कि मैं गालिब नहीं हूं. इसपर उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं नहीं हूं गालिब लेकिन ये सच है कि दुनिया को गालिब की जरूरत है. उसके लिए गालिब जरूरी है, सलमान रुश्दी भी जरूरी है, चेतन भगत भी जरूरी है और अरुंधती रॉय भी जरूरी है. मेरा कम्पटीशन दूसरे लेखकों से नहीं है. व्हाट्सएप से है, इंस्टाग्राम से है टिक टॉक से है. हम चाहते हैं कि भारत का यूथ किताब उठाएं.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement