साहित्य आजतक के डिजिटल संस्करण e-साहित्य आजतक के मंच पर तीसरे दिन प्रख्यात अपराध कथा लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक ने शिरकत की. e-साहित्य आजतक के मंच पर लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक ने कहा कि कोरोना देश के विभाजन के बाद की सबसे बड़ी आपदा है. पलायन और लॉकडाउन एक दुखद स्थिति है. सुरेंद्र मोहन ने कहा कि मैंने जब लिखना शुरू किया तब किताबें ही मनोरंजन का साधन थी. मुझे किसी को हीरो बनाना था, तो मैंने पत्रकार को ही हीरो बना दिया. सुनील सीरीज पढ़ कर बहुत सारे लोग पत्रकार बने. सुनील के 122 नॉवेल आए. अपराध कथा लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक ने कहा कि कोरोना का अपराध कथा फिक्शन पर कोई असर नहीं है. उनका मानना है कि अपराध कथा के लिए कोरोना से कुछ खास हासिल नहीं हो सकता है. देखिए वीडियो.