
हिंदी फिल्म संगीत की दुनिया में एक से बढ़कर एक मुकद्दस नाम हुए, जिनमें मुकेश, मोहम्मद रफी, मन्ना डे, हेमंत कुमार और किशोर कुमार जैसे नाम शामिल हैं. साठ-सत्तर के दशक के उसी दौर में रफी साहब के गानों का दीवाना एक लड़का था, नाम था सईद मोहम्मद अजीज उन नबी. इस लड़के को रफी साहब के गानों पर थिरकने और गुनगुनाने की ऐसी बीमारी लगी कि रेस्टोरेंट से गाना गाते-गाते वह खुद ही फिल्मी दुनिया का एक सफल गायक बन गया. हम बात कर रहे हैं फिल्म संगीत की दुनिया में मोहम्मद अज़ीज़ के नाम से मशहूर हुए उसी लड़के की, जिसे बाद में रफी साहब का वारिस भी कहा गया.
इसी मंगलवार को वही मोहम्मद अज़ीज़ कोलकाता के एक कार्यक्रम से मुंबई लौट रहे थे तो किसी को भी यह गुमान नहीं था कि टॉलीवुड से बॉलीवुड की यह उनकी अंतिम यात्रा होगी. एयरपोर्ट पर दिल में दर्द उठा, जहां से नानावटी अस्पताल पहुंचाया गया, पर उन्हें बचाया नहीं जा सका. मोहम्मद अजीज का जन्म साल 1954 में पश्चिम बंगाल के अशोक नगर में हुआ था. वह हिंदी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक थे, पर उन्होंने बंगला और ओड़िया के अलावा कुछ और क्षेत्रीय भाषाओं में भी खूब गाने गाए. उन्हें लोग प्यार से मुन्ना भी कहकर बुलाते थे.
मोहम्मद अजीज का निधन, अमिताभ की फिल्म से हुए थे मशहूर
कहते हैं मोहम्मद अजीज ने कोलकाता के गालिब रेस्टोरेंट में एक सिंगर के तौर पर अपना करियर शुरू किया था. अजीज ने बंगाली फिल्म 'ज्योति' से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया और साल 1984 में मुंबई आ गए. जहां उनकी पहली हिंदी फिल्म 'अम्बर' थी. उन्हीं दिनों मनमोहन देसाई अमिताभ बच्चन को लेकर फिल्म 'मर्द' बना रहे थे. इस फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर थे अनु मलिक. मोहम्मद अजीज और अनु मलिक संघर्ष के दिनों से एक-दूसरे को जानते थे. दोनों की सहानुभूति और संवेदना भी एक-दूसरे से जुड़ी थी. अनु मलिक मोहम्मद अजीज के फन से वाकिफ भी थे, और जानते थे कि इस फनकार को एक सही मौके की तलाश भर है. इसीलिए उन्होंने अजीज को 'मर्द' फिल्म के लिए टाइटल सॉन्ग 'मर्द टांगेवाला, मैं हूं मर्द टांगेवाला, मुझे दुश्मन क्या मारेगा, मेरा दोस्त ऊपरवाला...' गाने का मौका दिया. यह गाना जबरदस्त हिट हुआ.
मोहम्मद अजीज चूंकि बॉलीवुड में तब नये थे, तो लोगों को लगा कि यह गाना यह शब्बीर कुमार ने गाया गाया है. जो भी हो 'मर्द टांगेवाला...' मोहम्मद अजीज के करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. इस गाने के बाद तो अजीज की चल निकली. अपने तीन दशक लंबे करियर में मोहम्मद अजीज ने जो उड़ान भरी, उसने इतिहास बना दिया. उन्होंने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक हिट गाने दिए. जिसमें 'लाल दुपट्टा मलमल का', 'मैं से मीना से न साकी से', 'माई नेम इज लखन', 'तू ना जा मेरे बादशाह', 'दुनिया में कितना गम है' 'कसम से कसम से' 'ये जीवन जितनी बार मिले' जैसे सुपर-डुपर हिट गाने शामिल हैं.
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मोहम्मद अजीज ने हमारे दौर के सभी बड़े संगीतकारों के साथ काम किया, जिनमें कल्याणजी-आनंदजी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, राहुल देव बर्मन, नौशाद, ओपी नैय्यर, बप्पी लाहड़ी, राजेश रोशन, रामलक्ष्मण, रवींद्र जैन, उषा खन्ना, आनंद-मिलिंद, नदीम-श्रवण, जतिन ललित, अनु मलिक, दामोदार राव, आनंद राज आनंद और आदेश श्रीवास्तव जैसे नाम शामिल हैं. हालांकि एक दौर का यह सुपरहिट गायक मुंबईया सिनेमा की भागमभाग और मारामारी के दौर में पिछले कुछ समय से पिछड़ गया था, पर गुमनामी के दौर तक पहुंचने से पहले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. संगीत की दुनिया के इस सितारे को नमन!