
दूसरी परंपरा के खोजी और समकालिन हिन्दी आलोचना को नई ऊंचाइयां देने वाले सुप्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह ने 90 साल पूरे कर लिए है. उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर राजकमल प्रकाशन समूह ने नामवर सिंह और आशीष त्रिपाठी द्वारा संपादित 'रामचंद्र शुक्ल रचनावली' का लोकार्पण किया गया.
कार्यक्रम में नामवर सिंह की दो अन्य किताबों 'हजारी प्रसाद द्विवेदी की जय यात्रा' और 'नामवर के नोट्स' का भी लोकार्पण किया गया. 'नामवर के नोट्स' अपनी तरह की पहली किताब है जो जेएनयू के पूर्व छात्रों द्वारा उनके क्लास नोट्स को एकत्र कर संपादित की गई है.
दूसरी किताब रामचंद्र शुक्ल रचनावली आठ भागों में है जिसका संपादन डॉ. नामवर सिंह और आशीष त्रिपाठी ने किया है. यह रचनावली शुक्ल जी के संपूर्ण रचना संसार का संकलन है. इसमें कबीर, प्रसाद, पन्त की रचनाओं पर शुक्ल जी की टिप्पणियां, उन कवितायों के साथ शामिल हैं. साथ ही बहुत ऐसी ऐतिहासिक सामग्री भी है जो पहले कभी नही छपी.
तीसरी किताब 'आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की जय यात्रा' है जिसका संपादन नामवर सिंह और ज्ञानेंद्र कुमार संतोष ने किया है. द्विवेदी जी पर नामवर सिंह का लिखा सब कुछ इस किताब में संकलित है. उनके पहले लेख से लेकर आखिर तक के अंतिम भाषण और बातचीत जो अभी तक कहीं नही छपा है, वह पहली बार इस पुस्तक में पढ़ने को मिलेगा.
नामवर सिंह के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर राजकमल प्रकाशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मान, सम्मान और प्रतिमान विषय पर मूर्तिदेवी पुरस्कार से सम्मानित लेखक विश्वनाथ त्रिपाठी, सुप्रसिद्ध आलोचक मैनेजर पांडे और यशस्वी कवियत्री सविता सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम के सूत्रधार आशुतोष कुमार थे. इसके अलावा लेखिका और आलोचक निर्मला जैन, लेखक काशीनाथ सिंह जनसत्ता अखबार के पूर्व संपादक ओम थानवी, पेन्टर प्रभु जोशी के अलावा अन्य विशिष्ट व्यक्ति भी मौजूद थे.