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क्रिकेट के शौकीन हैं तो बिना पढ़े नहीं रह सकते राजदीप सरदेसाई की यह पुस्तक 'टीम लोकतंत्र'

'टीम लोकतंत्रः भारतीय क्रिकेट की शानदार कहानी' क्रिकेट के ग्यारह खिलाड़ियों के सफलता की ऐसी कहानियां समेटे है, जो संसद भवन में नहीं 22 गज की पिच पर ज्यादा मशहूर हुईं.

पुस्तक टीम लोकतंत्र- भारतीय क्रिकेट की शानदार कहानी का कवर पुस्तक टीम लोकतंत्र- भारतीय क्रिकेट की शानदार कहानी का कवर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2019,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

भारत कभी हॉकी का दीवाना देश हुआ करता था, मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता था... लोग कहते हैं कि गेंद उनका कहना मानती थी. भारत ने हॉकी में मेडल और कप तो जीते लेकिन समय के साथ-साथ भारतीय दर्शकों का मन भी बदलता चला गया....जहां पहले स्टीक, बॉल,गोल पोस्ट का धमाल था, वहीं धीरे-धीरे उसकी जगह गेंद,बल्ले और 22 गज की पिच ने ले ली.... भारत में क्रिकेट 1980 के दशक के बाद काफी मशहूर हो गया. जब भारत ने पहली बार विश्वकप जीता था उस वक्त वेस्टइंडीज विश्व की सबसे खतरनाक टीम मानी जाती थी, वेस्टइंडीज को हरा पाना किसी भी टीम के बस की बात नहीं थी....

कहा जाता है कि क्रिकेट का जन्म इंग्लैंड में हुआ था, लेकिन इसका पालन-पोषण भारत में हुआ है. भारत में क्रिकेट किस कदर मशहूर है उसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि सड़क चलता एक रिक्शावाला भी आपको Down the Ground, in the stand या Between the Wicket का मतलब बता सकता है. इसी तरह वर्ल्ड कप मैचों के मुकाबले या भारत - पाकिस्तान के बीच रोमांचक मुकाबले तो दूर एक दिन पहले हुए टेस्ट मैच के बारे में भी कोई भी यह बता सकता है कि भारत का स्कोर कितना था और किस खिलाड़ी ने कितने रन बनाए या कि टी-20 में आज किन टीमों के बीच मुकाबला है...

बेस्टसेलिंग लेखक और पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने उसी क्रिकेट के ग्यारह खिलाड़ियों पर 'टीम लोकतंत्रः भारतीय क्रिकेट की शानदार कहानी' लिखी है. राजदीप अंग्रेजी के सेलिब्रिटी पत्रकार हैं और उसी भाषा में लिखते हैं. उन्होंने यह किताब अंग्रेजी में Democracy's XI: The Great Indian Cricket Story नाम से लिखी, हिंदी में जिसका अनुवाद केतन मिश्रा ने किया है. इस किताब में क्रिकेट के उस पालन-पोषण की कहानियां है...जिसे किसी बल्लेबाज ने अपने कवर ड्राइव से तो किसी गेंदबाज ने अपनी फिरकीं से पाला पोसा...

किताब की भूमिका कुछ इस तरह लिखी गई है कि एक बार आपने किताब पढ़ना शुरू किया तो पूरा पढ़े बगैर नहीं रह सकेंगे.... किताब में एक तरफ जहां गोआ, मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों के क्रिकेटरों की छोटी-छोटी कहानियां है, वहीं रांची जैसे छोटे शहर के एक साधारण लड़के की कहानी भी है जो क्रिकेट की बदौलत सबसे अमीर खिलाड़ी बन जाता है.... एक बेहतर लोकतंत्र को समझाने के लिए किताब में क्रिकेट को एक बेहतर उदाहरण के तौर पर भी पेश किया गया है...

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है 'टीम लोकतंत्र' यानी कि लोकतंत्र के सफलता की वो कहानियां जो संसद भवन में नहीं 22 गज की पिच पर ज्यादा मशहूर हुई... कुछ कहानियां आपको गुदगुदाने पर मजबूर करेगी लेकिन कुछ ऐसी कहानियां भी जिसे पढ़कर आपको उनपर गर्व भी होगा.... अगर आपको क्रिकेट से प्रेम है या आप क्रिकेट खेलते हैं तो किताब पढ़ते वक्त आप खुद को कुछ कहानियों के साथ जोड़ पाएंगे... किताब में लोकतंत्र, संघर्ष, परिवारवाद, जुनून, भरोसा, विश्वास, क्षमता इत्यादि को भी दर्शाया गया है... यह किताब बताती है कि क्रिकेट ही वो शय है जो इस देश को सबसे बेहतर ढंग से एक कर सकती है.

भारतीय क्रिकेट टीम छोटे-बड़े शहरों से आये हुए लोगों का एक शानदार मिश्रण है जहाँ कितने ही अलग-अलग धर्म, वर्ग, जाति, इलाकों और भाषाओं के खिलाड़ी साथ खेलते हैं. ये वो समूह है जिसमें राँची के एक पम्प मैनेजर का बेटा बड़े ख़्वाब देखने का साहस कर सकता है, जहाँ टैलेण्ट लेकर पैदा होने वाला मुम्बई का एक लड़का हैदराबाद की तंग गलियों से आने वाले एक मुसलमान के साथ खेल सकता है. उस वक़्त जब परिवारवाद ने बॉलीवुड और राजनीति को जकड़ के रखा है, क्रिकेट ही वो फील्ड है जहाँ सब कुछ समतल ज़मीन पर खेला जा रहा है और जो हमारे संविधान के उसूलों को सही मायनों में साकार कर रहा है. ये खेल असल में भारत की सबसे सटीक छवि सामने लाता है.

अपनी इस किताब में बेस्टसेलिंग लेखक और पत्रकार राजदीप सरदेसाई यह बताने में सफल रहे हैं कि क्रिकेट हमें एक बात सिखाता है अगर आपमें माद्दा है, क्षमता है, तो आप भी 133 करोड़ जनसंख्य़ा वाले इस देश के उन 11 खिलाड़ियों में से एक हो सकते हैं जो 22 गज की पिच पर पूरे देश का नेतृत्व करता है...आप भी हो सकते हैं उन 11 खिलाड़ियों की टीम का हिस्सा, जिनके लिए न तो कोई धर्म, न जाति, न अमीरी, न गरीबी, उनके लिए इलाका और स्टेटस भी मायने नहीं रखता....मायने रखता है तो सिर्फ उसका क्रिकेट जो उसे उस शिखर तक पहुंचाता है.....

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई 11 भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के माध्यम से स्वाधीनता के बाद के भारतीय क्रिकेट की कहानी लेकर पाठक के सामने आते हैं. इन खिलाड़ियों में 60 के दशक के दिलीप सरदेसाई से लेकर महेन्द्र सिंह धोनी और विराट कोहली तक शामिल हैं. वह बताते हैं कि यह किताब 11 सबसे अच्छे भारतीय क्रिकेटर्स के बारे में नहीं है, बल्कि यह किताब व्यक्तिगत हवालों से आये हुए किस्सों और कहानियों के दम पर भारतीय क्रिकेट की यात्रा के बारे में बात करती है.

यह किताब भारतीय क्रिकेट के उस संघर्ष पर उत्साह से लबरेज दिनों से शुरुआत करती है, जब क्रिकेटर्स ट्रेन में सफ़र करते थे, एक टेस्ट मैच के कुछ सौ रुपए मिलते थे, और फिर वहाँ आकर रुकती है जब क्रिकेट में करोड़ों रुपयों का व्यापार करने वाला आईपीएल आ चुका है. खिलाड़ी तक करोड़पति, अरबपति हो चुके हैं. इस तरह सरदेसाई ने क्रिकेट के साथ ही, उसके बहाने भारतीय समाज के विकास का लेखा-जोखा भी सामने रखने की कोशिश की है.

'टीम लोकतंत्र' की सबसे अच्छी बात ये है कि आप पढ़ेंगे तो सिर्फ 11 खिलाड़ियों की कहानियां, लेकिन उन 11 खिलाड़ियों के साथ-साथ आप उनके समकालीन सभी टेस्ट क्रिकेटरों के बारे में कोई न कोई एक कहानी जरूर पढ़ लेंगे. जब नाम में ही लोकतंत्र लगा हुआ तो लाज़िमी है कि राजनीति की बातें जरुर होंगी. इस किताब में कई बातों को एक खबर के अंदाज में भी दर्शाया गया है. जैसे किसी क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को किस तरह से संचालित किया जाता है, या एक खिलाड़ी को बनाने के लिए उसके पीछे कितने लोगों की मेहनत होती है.

'टीम लोकतंत्रः भारतीय क्रिकेट की शानदार कहानी' पुस्तक में ललित मोदी द्वारा आईपीएल शुरू करने की कवायद, और देश में आईपीएल के छा जाने की कथा जहां आपको क्रिकेट में बाजार के बढ़ते प्रभाव से आपको रूबरू कराएगी, वहीं युवराज सिंह के छह छक्के लगाने की कहानी भी आपको कम रोमांचित नहीं करेगी, ऐसे समय में तो और भी जब युवराज सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. अगर आप क्रिकेट के फैन हैं या कभी खेल के क्षेत्र में पत्रकारिता करना चाहते हैं तो आपको यह किताब अवश्य पढ़नी चाहिए.... 

अंत में- इस किताब को हम भारतीय क्रिकेट का 'इतिहास' कह सकते हैं.
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पुस्तकः टीम लोकतंत्र-  भारतीय क्रिकेट की शानदार कहानी
लेखकः राजदीप सरदेसाई
अनुवादः केतन मिश्रा
विधाः खेल
प्रकाशकः वाणी प्रकाशन
मूल्यः रुपए 350/
पृष्ठ संख्याः 300

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