
ओलंपिक खेलों में भारत का इसबार का प्रदर्शन अबतक का श्रेष्ठतम है. भारत के इस बेहतरीन प्रदर्शन से न केवल भारतीयों में ओलंपिक खेलों के प्रति उत्साह है बल्कि इस बात की संभावना भी नज़र आती है कि ओलंपिक खेलों के प्रति भारतीय जनमानस में जिज्ञासा भी बढ़ेगी और खेलने की प्रेरणा भी.
ऐसे समय में ओलंपिक में खिलाड़ियों के संघर्षों से लेकर उनकी जीत और प्रतिभागिता की कहानियां काफी अच्छा साहित्य साबित हो सकती है.
ये न केवल ओलंपिक के अतीत में जीत और प्रतिभागिता के बारे में लोगों को जागरूक बना सकती हैं बल्कि लोगों को इस बात का अनुमान भी देने में सक्षम हैं कि कैसे ओलंपिक का इतिहास एक लंबी सतत संघर्ष की कहानी है औऱ कैसे अपनी राष्ट्रीय और पहचान की सीमाओं को लांघकर लोगों ने ओलंपिक में पदक भी जीते हैं और दिल भी.
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ऐसी ही तमाम कहानियों का पिटारा खोलती है नियोगी बुक्स प्रकाशन की अंग्रेज़ी किताबों की पेशकश, पेपर मिसाइल की हाल ही में प्रकाशित एक किताब- द मोस्ट इन्क्रेडिबिल ओलंपिक स्टोरीज़.
लूसियानो वर्निक ने काफी मेहनत से एथेंस-1896 से लेकर रियो ओलंपिक 2016 तक के ओलंपिक के 120 वर्षों के सफर को इस किताब में कलमबद्ध किया है. हर आयोजन पर एक चैप्टर है और इस चैप्टर में उस आयोजन की ऐसी कहानियां हैं जो अप्रकाशित या अनकही हैं.
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20वीं सदी में प्रवेश कराती ये किताब बदलती दुनिया, बदलते खेल, विश्वयुद्ध के बिंब और असर, तानाशाही और लोकतंत्र के आंगनों में खेलों के आयोजन जैसे कितने ही दृश्य समेटे हैं. लेकिन खास बात यह है कि किताब मूलतः छोटे-छोटे किस्सों में खिलाड़ियों की कहानियों पर केंद्रित है और उसे एक थीम के तौर पर पूरी पुस्तक में महसूस किया जा सकता है.
किताब की भाषा हालांकि अंग्रेज़ी है लेकिन इसे सरल और सुंदर तरीके से लिखा गया है और अंग्रेज़ी की सामान्य जानकारी के साथ भी इसे पढ़ने का रस लिया जा सकता है.