
साहित्य आजतक का तापमान बढ़ाने एक्ट्रेस मोना सिंह पहुंचीं. एक्ट्रेस ने अपने 20 साल के करियर और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कम्पटीशन को लेकर बात की. मोना के लिए ये साल कई मायनों में खास रहा हैं. अपने रोल चॉइस के बारे में बात करते हुए मोना ने बताया कि जस्सी ने सही मायने में उन्हें बिगाड़ दिया था. उन्होंने प्रोजेक्ट्स लेने बंद कर दिए थे. मोना ने बताया उन्होंने अपनी बॉडी पर काम किया है. उन्होंने 11 किलो वजन कम किया है.
मोना सिंह ने 'जस्सी जैसी कोई नहीं' सीरियल से अपने करियर की 20 साल पहले शुरुआत की थी. अपने करियर पर बात करते हुए मोना ने कहा- कफस से लेकर मेड इन हेवन और काला पानी, मेरे लिए ये साल बेहद खास रहा है. कफस में बहुत बोल्ड कैरेक्टर निभाया. इसके बाद मेड इन हेवन में बुलबुल जौहरी, जो सोशल इशू पर बात करती है. फिर आई काला पानी, जो पैनडेमिक की जद्दोजहद पर बात करती है. ये हर कैरेक्टर एक दूसरे से बेहद अलग है. एक्टर्स यही तो चाहते हैं. ऐसा लगता है आप अपना सपना जी रहे हैं. मैं बहुत खुश हूं कि ओटीटी इतने बड़े पैमाने पर आया है. सब उसे एक्सेप्ट कर रहे हैं.
कैसे शुरू हुआ एक्टिंग का सफर
मोना शुरू से एक्ट्रेस बनना चाहती थीं. लेकिन उन्होंने कभी टीपिकल एक्ट्रेसेज की तरह शिफॉन की साड़ी पहनकर बर्फ में डांस करने का नहीं सोचा. मोना ने कहा- बचपन में वैसा लगता था. लेकिन एक्चुअल में इंडस्ट्री जॉइन की, तो कभी मूवीज के बारे में सोचा ही नहीं. मेरे लिए हमेशा से टीवी फर्स्ट था. क्योंकि मैंने अपने स्कूल डेज में बनेगी अपनी बात देखा था. तो मैं वहां से बहुत इंस्पायर हुई थी. फिर मुझे लगा कि जैसे यूनिवर्स ने भी मेरी इस विश को कहीं ना कहीं मेनिफेस्ट कर लिया था. तभी जब मैंने अपना पहला सीरियल किया तो प्रोड्यूसर्स दीया और टोनी के साथ किया था.
क्यों बनाई टीवी से दूरी
मोना ने इंडस्ट्री में बीस साल बिताए हैं. उन्होंने कभी कोई भी रोल नहीं किया. जस्सी जैसी... सीरियल के बाद भी एक्ट्रेस को जल्दी से किसी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनते नहीं देखा गया. अपने रोल चॉइस के बारे में बात करते हुए मोना ने बताया कि जस्सी ने सही मायने में उन्हें बिगाड़ दिया था. मोना ने कहा- हमारे प्रोफेशन में रिस्क लेना जरूर है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप अपनी क्रिएटीविटी से कॉम्प्रोमाइज करते हैं. फिर एक्टर्स की क्रिएटीविटी भी मर जाती है. मैंने जस्सी जैसी में भी यही किया था. उसके बाद मुझे कोई रोल भाए ही नहीं. उसके बाद मैंने खुद को रोक लिया था. मुझे टीवी छोड़े हुए 8 साल हो गए. लेकिन फिर ओटीटी की बदौलत मैं वापस आई. एक महिला होने के नाते, मैंने तय किया था कि मैं जो भी रोल करूं वो ऐसे हो कि महिलाओं पर समाज पर असर छोड़े. मैं ऐसे रोल करूं जो लोगों को एक इंस्पायरिंग मैसेज देकर जाए.
ओटीटी का कम्पटीशन
मोना ने बताया कि कैसे अब एक्टर्स कोई भी रोल करने से हिचकते नहीं हैं, चाहे वो नेगेटिव हो, लेकिन गहराई के लेयर्स हो बस. मोना बोलीं- देखिए ओटीटी ही एक ऐसा स्पेस है जहां महिलाएं सिर्फ नेगेटिव या पॉजिटिव नहीं हैं. महिलाएं गलतियां कर सकती हैं, सेल्फिश हो सकती हैं, ग्रे शेड्स हो सकते हैं. अगर बुलबुल जौहरी को देखें, सीमा वशिष्ठ को देखें तो वो चाहती थी कि उसका बेटा एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में घुसे और वो उसके जरिए पैसे कमाए. जो कि गलत है. वो अपने सपने बच्चे के जरिए पूरा करना चाहती थी. लेकिन ये सब हमें टीवी में देखने को नहीं मिलेगा. क्योंकि टीवी में या तो ब्लैक है या व्हाइट. या तो पॉजिटिव या नेगेटिव. टीवी में जब वो बहू सुबह उठती है, या सोने जाती है तो पूरे मेकअप के साथ. इसलिए मैंने ऐसे रोल कभी नहीं किए. क्योंकि मैं कभी रिलेट ही नहीं कर पाई. इसलिए मैंने ऐसे रोल किए जो रियल लगे. जैसे कफस जिसमें एक बच्चे का शोषण होता है. बहुत बोल्ड टॉपिक था, लेकिन लोगों ने उसे पसंद किया.
बातचीत के दौरान मोना ने अपनी आवाज में गाना गाकर समां बांधा. तालियों की गड़गड़ाहट पूरा माहौल गूंज उठा. मोना को स्टेज पर डांस करता देख कई फैंस स्टेज पर आ गईं.