
लगे रहो मुन्नाभाई, 3 इडियट और पीके जैसी फिल्मों में यदि समानता खोजी जाए तो शायद ही कोई इस बात से असहमत हो कि इन फिल्मों की जान स्वानंद किरकिरे के लिखे गाने हैं. उनके गाने पहलेपहल सुनने पर बस धक्क से लगते हैं और फिर हम सभी के फोन्स और कंप्यूटरों में लूप पर चलने लगते हैं. जो अब तक तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं.
हवाओं से बतियाते हुए लिखते हैं गीत...
गीतकार और संगीतकार अपना बेस्ट निकालने के लिए न जाने क्या-क्या करते हैं. यहां हम आपको बताते चलें कि स्वानंद किरकिरे ने परिणीता फिल्म के गाने लिखने के क्रम में मुंबई की बेस्ट बसों में घंटों सफर किया है. वे ताजी हवा में गाने लिखने पर अपना बेस्ट दे पाते हैं. वे आज भी अपनी कार में बैठ कर गीत लिखते हैं और कंप्यूटर की कीपैड के बजाय कॉपी और पेन का इस्तेमाल करते हैं.
उनके गीत आत्मा को छूते हैं...
जिसने भी उनके लिखे गीत सुने हैं वो बस उनका ही होकर रह गया है. चाहे ओ री चिरैया हो या फिर बावरा मन हो. उनके द्वारा लिखे गए गए गीत अनगढ़ और अपने से लगते हैं. एक ऐसा गीतकार जो हमारी अनकही को खूबसूरती से बयां कर देता है. दुख में ढाढ़स बंधाता है और खुशी के मौके पर बस जिंदगी में रस घोल देता है.
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यह गीतकार और अब अभिनेता भी देश के नंबर एक खबरिया चैनल आज तक द्वारा आयोजित साहित्यिक महाकुंभ में शिरकत करने जा रहा है. यहां आप उनसे रू-ब-रू हो सकते हैंय यहां उनसे आप बिना एक पैसा खर्च किए मिल सकते हैं. वे दिल्ली के इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स में आ रहे हैं. उन्हें आप जुबानी जानेमन कार्यक्रम में सुन सकते हैं. वे वहां पीयूष मिश्रा के साथ मौजूद होंगे. 12 नवंबर (शनिवार) स्टेज 1(मुख्य लॉन). उनसे मिलने का मौका न चूकें.
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