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साहित्य आजतक लखनऊ के मंच पर लखनऊ का रंगबाज सत्र में यूपी पुलिस के पूर्व महानिदेशक (डीजीपी) बृजलाल ने साहित्य से सियासत तक, कानून-व्यवस्था से प्रशासन तक खुलकर अपनी बात रखी. दलित बिरादरी से आने वाले बृजलाल ने रामचरितमानस की चौपाई में शूद्र के इस्तेमाल पर जारी विवाद को लेकर भी अपनी राय रखी.
रामचरितमानस की चौपाई 'ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी' को लेकर दलित होने के नाते कैसा महसूस करते हैं, इस सवाल पर बृजलाल ने कहा कि शूद्र शब्द मुगलकाल में आया है. उससे पहले इसका इस्तेमाल नहीं होता था. उन्होंने 'कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय' का उदाहरण देते हुए कहा कि एक शब्द के कई अर्थ होते हैं.
यूपी के पूर्व डीजीपी और अब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य कैबिनेट मंत्री रहे हैं. बहुत ही वरिष्ठ नेता हैं, मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं. उन्होंने कहा कि ये स्वामी प्रसाद को पहले क्यों नहीं दिखाई दिया. बृजलाल ने सवाल किया कि आज ही उनको ये क्यों दिखाई दे रहा है.
उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी हमला बोला. बृजलाल ने कहा कि अखिलेश यादव आज कह रहे मैं भी शूद्र. उन्होंने सपा पर दलितों के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि जिन्होंने सत्ता में आते ही दलितों के वॉच डॉग एससी-एसटी एक्ट को शिथिल कर दिया आज वे भी खुद को दलित बता रहे हैं.
आजम खान ने किया था बाबा साहेब का अपमान
यूपी के पूर्व डीजीपी ने आरोप लगाया कि सपा नेता आजम खान ने बाबा साहेब को अपमानित किया था. उन्होंने कहा कि सपा दलितों को अपने साथ लाने के लिए शूद्र को लेकर विमर्श खड़ा करने की कोशिश कर रही है जो होना नहीं है. बृजलाल ने इस दौरान दलित बिरादरी के आइकॉन योगेंद्र नाथ मंडल पर लिखी अपनी पुस्तक 'सियासत का एक सबकः योगेंद्र नाथ मंडल' पर भी बात की.
उन्होंने कहा कि योगेंद्र नाथ मंडल दलित आइकॉन थे लेकिन दावे के साथ कह सकता हूं कि 99 फीसदी दलित उनको नहीं जानते. बृजलाल ने कहा कि योगेंद्र नाथ मंडल भी बाबा साहेब की तरह ही देश का बंटवारा नहीं चाहते थे. वे विभाजन से पहले जवाहर लाल नेहरू की अंतरिम सरकार में कानून मंत्री रहे थे. उन्होंने कहा कि जब देश विभाजन की बात आई, योगेंद्र नाथ मंडल ने बाबा साहब को पत्र लिखा था.
योगेंद्र नाथ मंडल ने कहा था- दलितों को जाना चाहिए पाकिस्तान
बृजलाल ने कहा कि बाबा साहेब को पत्र लिखकर योगेंद्र नाथ मंडल ने कहा था कि दलितों को पाकिस्तान जाना चाहिए जिसके लिए बाबा साहेब ने साफ मना कर दिया था. उन्होंने कहा कि योगेंद्र नाथ मंडल ने कहा था कि मुस्लिमों और दलितों की सामाजिक, राजनीतिक और शेक्षणिक पृष्ठभूमि लगभग एक जैसी ही है इसलिए हम मुसलमानों के साथ ज्यादा बेहतर तरीके से रह सकेंगे.
पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री थे योगेंद्र नाथ मंडल
यूपी के पूर्व डीजीपी ने कहा कि योगेंद्र नाथ मंडल बाबा साहब के मना करने के बावजूद बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए जहां जिन्ना ने उनको कानून और श्रम मंत्री बनाया. उन्होंने कहा कि भारत के कानून मंत्री बाबा साहब थे तो पाकिस्तान के कानून मंत्री योगेंद्र नाथ मंडल. बृजलाल ने कहा कि जब पाकिस्तान में एजेंडा आगे बढ़ना शुरू हुआ और मारकाट शुरू हुई तो सबसे ज्यादा दलित मारे गए क्योंकि बाकी लोग तो पहले ही वहां से चले आए थे. योगेंद्र नाथ मंडल भी जब कुछ नहीं कर सके तो वहां से भागकर भारत चले आए और कोलकाता से मंत्री पद से अपना इस्तीफा भेजा.
उन्होंने कहा कि योगेंद्र नाथ मंडल को पहले बंगाल और फिर असम में बसाया गया. भारत आए करीब 70 साल बीत जाने के बाद इनके परिवार को भारत की नागरिकता मिल सकी और वो भी 2019 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने दिया. बृजलाल ने आरोप लगाया कि वामपंथी इतिहासकारों ने योगेंद्र नाथ मंडल की चर्चा ही गायब कर दी थी. इतिहास में इनको स्थान नहीं दिया गया.