
साहित्य आजतक लखनऊ का आगाज हो चुका है. अवध में सजी साहित्य, कला और मनोरंजन की इस महफिल की शुरुआत हुई एक संगीतमय प्रस्तुति से. पहले सेशन का नाम था- 'कौन दिसा में...' जिसमें सिंगर अर्जुन पांडेय ने अपनी गीतों से लोगों के मंत्र-मुग्ध कर दिया और लोग झूम उठे.
तीखी धूप में भी लोगों ने अर्जुन के साथ सुर से सुर मिलाए. उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की हनुमान भजन और 'जय श्री राम' के नारे के साथ. इसके बाद जब उन्होंने कैलाश खेर का गीत 'तेरी दीवानी...' गाया तो मानो समा बंध गया.
लखनऊ में गूंजे अवधी गीत
फिल्मी गीतों जैसे- भीगी-भीगी सी हैं रातें, खामोशियां, जो भेजी थी दुआ, हमें तुमसे प्यार कितना, ये तूने क्या किया से होते हुए अर्जुन ने उस्ताद नुसरत फतेह अली खान की कव्वालियों से दर्शकों में जोश भर दिया. अपनी प्रस्तुति के अंत में अर्जुन ने अवधि गीत भी गाए.
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'छूट गइल ऊ गांव के बचपन खेलब कुदब यार हो' की मधुर आवाज से भोजपुरी और हिंदी गायन जगत को चौंका देने वाले अर्जुन पांडेय संगीत जगत का उभरता हुआ सितारा हैं. गायन के साथ-साथ वह अपने गीत कंपोज भी करते हैं. सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं.