
साहित्य आजतक के तीसरे दिन दस्तक दरबार के मंच पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने शिरकत की. 'एक थी इंदिरा' सत्र में बोलते उन्होंने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के फैसलों पर अपनी बात रखी. मनमोहन सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे जयराम ने कहा कि इंदिरा गांधी के दो चेहरे हैं, लोग एक की प्रशंसा करते हैं और दूसरे की आलोचना लेकिन असली इंदिरा राजनीतिक व्यक्ति नहीं थीं.
जयराम रमेश ने कहा कि इंदिरा गांधी को राजनीति का शौक नहीं था, लेकिन राजनीति में उनका जन्म हुआ, पली-बढ़ीं और अंत तक रहीं लेकिन वो पहले रूप में पर्यावरण प्रेमी थीं. अपनी किताबा पर बोलते हुए जयराम रमेश ने कहा कि उनकी किताब उस पर्यावरणप्रेमी इंदिरा पर ही है.
जयराम रमेश ने कहा कि इंदिरा सिर्फ पर्यावरण की या सिर्फ विकास की बात नहीं करती थीं वो बैलेंस की बात करती थीं क्योंकि उनका कहना था कि हिंदुस्तान विकसित नहीं, बल्कि विकासशील देश है.
साहित्य आजतक में उन्होंने कहा कि जून 1972 में पहला विश्व पर्यावरण सम्मेलन हुआ स्टॉकहोम में, उसमें केवल एक राष्ट्राध्यक्ष मौजूद था और वो थीं इंदिरा गांधी. उस समय पर्यावरण की बात करना बहुत मुश्किल था. उस समय इसकी बात करना अपने आप में अनोखा था. उस दशक में जो कानून बने वो आज भी हमारे सामने हैं. उन्हीं के कानून के आधार पर हमारी नीतियां बनी हैं. उन्होंने इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि वह पर्यावरण के मामले में दूरदर्शी थीं.
जयराम रमेश ने कहा कि इंदिरा का योगदान ऐतिहासिक है. कोई भी उनका योगदान नहीं मिटा सकता. उनके कुछ निर्णय सकारात्मक थे लेकिन इमरजेंसी जैसे निर्णय भी हैं जहां उनकी आलोचना होती है. उन्होंने कहा कि आज मैं मथुरा रिफाइनरी नहीं लगने देता लेकिन उस वक्त के हालात बहुत अलग थे. इंदिरा देश की पहली और आखिरी प्रधानमंत्री थीं जो पर्यावरण को लेकर इतनी चिंतित रहा करती थीं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसे के बारे में पूछे गए सवाल पर जयराम रमेश ने कहा कि वह हमारे अध्यक्ष हैं और रहेंगे. इस पर किसी को शक नहीं है. गुजरात, कर्नाटक के चुनाव के समय उन्होंने जो किया उसपर किसी को शक नहीं है. उनकी रणनीति, चुनाव अभियान कांग्रेसियों के लिए शक से परे है.
क्या प्रदूषण को लेकर मोदी सरकार को कोई कदम उटाने की जरूरत है इस सवाल का जवाब देते हुए जयराम रमेश ने कहा कि प्रदूषण की समस्या सिर्फ दिल्ली में नहीं है. छोटे-छोटे शहरों में भी यह एक समस्या है. यह एक साल में नहीं बदलेगा. इसके लिए कई कदम उठाने होंगे. आज सभी लोग यह मानकर चलते हैं कि विकास की जरूरत हैं, लेकिन कोई भी यह नहीं कहता है कि पर्यावरण को प्राथमिकता मत दो, लेकिन हम जो भी फैसले लेते हैं उसका असर 5 से 10 साल बाद मालूम पड़ता है.
सबसे ताकतवर पीएम के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ताकतवर थीं और 2014 में पीएम मोदी को भी बहुमत मिला. अगर जनादेश मिला है तो पीएम जरूर ताकतवर हैं. जवाहरलाल नेहरू को 3 बार जनादेश मिला. वह भी ताकतवर थे. उन्होंने कहा कि मेरी नजर में इंदिरा गांधी पहली और आखिरी पीएम थीं जो पर्यावरण को इतनी प्राथमिकता दीं. किसी पीएम का पर्यावरण पर इतना ध्यान देना बड़ी बात थी. वह हमेशा कहती थीं पर्यावरण और विकास में संतुलन रखना है. पर्यावरण के मामले में उनके कार्यकाल में बनाए गए कानून आज भी है.
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