साहित्य आजतक 2019 : रेखा भारद्वाज ने अपनी आवाज से बांधा समां, झूमे दर्शक
दो फिल्म फेयर और एक नेशनल अवॉर्ड जीत चुकीं और रुहानी आवाज की मल्लिका रेखा ने जैसे ही अपने अंदाज में गाना शुरू किया दर्शक दीर्घा में बैठे लोग मंत्रमुग्ध हो गए. रेखा भारद्वाज को सुनने के लिए लोग भारी संख्या में एकत्र हुए थे.
साहित्य आजतक के मंच पर रेखा भारद्वाज (फोटो: याशिर इकबाल)
साहित्य का सबसे बड़ा महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' आज (शुक्रवार) से शुरू हो गया है. पहले दिन 'साहित्य आजतक' के 'सीधी बात' मंच पर शाम को लोकप्रिय गायिका रेखा भारद्वाज की संगीतमय प्रस्तुति हुई. इस सेशन का नाम था 'नमक इश्क का' उन्होंने अपनी जोरदार प्रस्तुति के साथ मंच साधा. दो फिल्म फेयर और एक नेशनल अवॉर्ड जीत चुकीं और रुहानी आवाज की मल्लिका रेखा ने जैसे ही अपने अंदाज में गाना शुरू किया दर्शक दीर्घा में बैठे लोग मंत्रमुग्ध हो गए. रेखा भारद्वाज को सुनने के लिए लोग भारी संख्या में एकत्र हुए थे.
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रेखा भारद्वाज ने सबसे पहले 'ओंकारा' फिल्म का लोकप्रिय गाना 'नैना ठग लेंगे' गाया. गाने की पहली लाइन सुनते ही वहां मौजूद लोग झूम उठे. रेखा ने अगला गाना 'कैसी तेरी खुदगर्जी' गाया, यह गाना 2013 में आई बॉलीवुड फिल्म 'ये जवानी है दीवानी' का है. इसके बाद रेखा ने बर्फी फिल्म में गाया अपना गाना 'वो जो दबी सी आस बाकी है' गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया. इसके बाद उन्होंने 'सखी रे पिया को जो मैं ना देखूं तो...' अपनी आवाज में गाया तो लोगों में उनका जादू साफ नजर आया. जब रेखा भारद्वाज ने 'ओंकारा' फिल्म का सबसे हिट गाना 'नमक इश्क का' गाना शुरू किया तो उसकी पहली लाइन (मैं चांद निगल गई दैया रे...) के साथ ही पब्लिक भी झूम उठी.
इस साल शुरू हुआ था 'साहित्य आजतक' का सफर साहित्य आजतक कार्यक्रम का आयोजन इस बार भी दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में किया गया है. तीन दिन तक चलने वाले साहित्य के महाकुंभ साहित्य आजतक में कला, साहित्य, संगीत, संस्कृति और सिनेमा जगत की मशहूर हस्तियां शामिल होंगी. बता दें कि साल 2016 में पहली बार 'साहित्य आजतक' की शुरुआत हुई थी. साहित्य आजतक कार्यक्रम के आयोजन का यह चौथा साल है.
साहित्य आजतक की पूरी कवरेज देखने के लिए यहां क्लिक करें... इस बार कई भारतीय भाषाओं को किया गया है शामिल इस बार साहित्य आजतक में कई और भारतीय भाषाओं के दिग्गज लेखक भी आ रहे हैं. जिनमें हिंदी, उर्दू, भोजपुरी, मैथिली, अंग्रेजी के अलावा, राजस्थानी, पंजाबी, ओड़िया, गुजराती, मराठी, छत्तीसगढ़ी जैसी भाषाएं और कई बोलियां शामिल हैं.
2 नवंबर- दूसरे दिन का कार्यक्रम 11.00-11.45 भोजपुरी स्टार रवि किशन और मनोज तिवारी के भोजपुरियां संगीत से होगी शुरुआत. 11.45-12.30 एक्टर और अभिनेता आशुतोष राणा अपनी कविताओं से युवाओं में जोश भरेंगे. 12.30-13.15 सब बढ़िया है सत्र में गीतकार वरुण ग्रोवर बांधेंगे समा. 13.15-02.00 अभिनेता और कवि शैलेश लोढ़ा अपनी राय साझा करेंगे. 02.00-02.45 हमको सिर्फ तुमसे प्यार है सत्र में गीतकार समीर अपने गीतों से युवाओं को क्रेजी करेंगे. 02.45-03.30 गीतकार मालिनी अवस्थी की लोक गायिकी. 03.30-04.15 लेखर और गीतकार प्रसून जोशी मंच पर होंगे. 04.15-05.00 साहित्य के यंगिस्तान सत्र में लेखक सत्य व्यास और दिव्य प्रकाश दुबे शिरकत करेंगे. 05.00-06.00 इरशाद कामिल की बैंड परफॉर्मेंस. 06.00-08.00 सौरभ शुक्ला का चर्चित नाटक 'बर्फ' और नाटक 'अकबर द ग्रेट नहीं रहे' रंग मंच की खास प्रस्तुति. 08.00-09.00 रुहानी सिस्टर्स की कव्वाली.
3 नवंबर- तीसरे दिन का कार्यक्रम 11.00-12.00 ऐसी लागी लगन फेम अनूप जलोटा अपनी धुन छेड़ेंगे. 12.00-12.45 कवि अशोक वाजपेयी, लेखक और पत्रकार राहुल देव, लेखर पुष्पेश पंत मंच पर होंगे. 12.45-01.30 कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर अपना गायन पेश करेंगे. 01.30-02.30 सिंगर पंकज उधास अपने गानों से समा बांधेंगे. 02.30-03.30 यह देश है वीर जवानों का सत्र में कवि हरिओम पवार, राहुल अवस्थी, विनीत चौहान अपने देशभक्ति कविताएं प्रस्तुत करेंगे. 03.30-04.15 लेखक और फिल्मकार इम्तियाज अली अपने अनुभव साझा करेंगे. 04.15-05.00 गीतकार हंस राज हंस अपना सूफियाना कलाम पेश करेंगे. 05.00-05.30 गीतकार स्वानंद किरकिरे महफिल जमाएंगे. 05.30-06.00 गीतकार और संगीतकार विद्या शाह और लेखर यतींद्र मिश्र मंच पर अपने अनुभव साझा करेंगे. 06.00-08.00 मुशायरा में शायर वसीम बरेलवी, राहत इंदौरी, नवाज देवबंदी, अभिषेक शुक्ला, एस आर जीशान नियाजी, कुंवर रंजीत चौहान शिरकत करेंगे.