
साहित्य आजतक 2023 का आज यानी 25 नंवबर को दूसरा दिन है. दूसरे दिन के सत्र 'कबीरा ये घर प्रेम का... एक शाम कबीर के नाम' सेशन में डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता, पूर्व पत्रकार और कबीर के लोकगीतों पर काम करने के लिए दुनियाभर में पहचान बनाने वाली शबनम विरमानी ने हिस्सा लिया. सेशन की शुरुआत शबनम विरमानी के संगीत से हुई. उन्होंने सेशन के दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के भजनों से दर्शकों को बांधे रखा.
शबनम विरमानी की आवाज से गूंजा साहित्य आजतक का मंच
शबनम विरमानी ने हाथ में तानपूरा लेकर कबीर के विचारों को गीतों में पिरोकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस दौरान स्टेज पर उनका साथ दिया उनकी छात्रा श्रीपर्णा मित्रा ने. कार्यक्रम के दौरान संगीत के जरिए शबनम विरमानी ने कबीर के दोहों के मायने लोगों को समझाए. उन्होंने इन दोहों के जरिए लोगों को जीवन के मायने भी समझाए. उन्होंने संगीत के जरिए बात की कि कैसे आज हम संतुष्ट नहीं हो पाते और हमेशा ज्यादा की चाह में रहते हैं. उन्होंने कबीर के दोहों के जरिए दर्शकों को बताया कि आप जिस चीज की खोज में हैं, वो आपके भीतर ही कहीं है. बस आपको उसको ढूंढने की जरूरत है.
क्या है 'द कबीर प्रोजेक्ट'
बता दें, 'द कबीर प्रोजेक्ट' के जरिए शबनम विरमानी कबीर के विचारों को जन-जन तक पहुंचा रही हैं. कबीर प्रोजेक्ट की शुरुआत साल 2002 में हुई थी. कबीर प्रोजेक्ट ने लोक संगीत समारोहों, शहरी त्यौहारों, ग्रामीण यात्राओं, स्कूल कार्यशालाओं, प्रदर्शनियों आदि के माध्यम से कबीर के विचारों को लोगों तक पहुंचाने का काम किया है.
सेशन के अंत की तरफ बढ़ते हुए शबनम विरमानी ने कबीर का 'मत कर माया को अभिमान...', गाया. पूरे सेशन के दौरान दर्शक पूरी तरह से उनकी आवाज में खोए नजर आए. कार्यक्रमे के अंत में पूरा हॉल दर्शकों की तालियों से गूंज उठा.
लोगों को जीने की राह दिखाते कबीर!
भारत के महान संत एवं समाज सुधारक कबीरदास ने भक्ति आंदोलन पर काफी प्रभाव डाला था. कबीर की कही गई बातें आज भी हम सभी के लिए अंधेरे में मशाल का काम करती हैं. कबीर के दोहे आज भी लोगों को जीने की सही राह दिखा रहे हैं. कबीर के सदाबहार दोहे सुन लोगों को जीवन में आने वाली तमाम मुश्किलें आसान लगती हैं.