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Sahitya AajTak Lucknow 2024: ओवैसी पर भड़के कथावाचक देवकीनंदन, सोनिया गांधी पर भी साधा निशाना

Sahitya AajTak Lucknow 2024: उत्तर प्रदेश की राजधानी में शब्द-सुरों का महाकुंभ 'साहित्य आजतक लखनऊ 2024' का आयोजन किया गया. कई नामी-गिरामी कलाकार, साहित्यकार, लेखक साहित्य के इस मंंच पर शिरकत करने पहुंचे. इस कार्यक्रम के दूसरे दिन कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर भी पहुंचे.

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 21 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:27 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में  'साहित्य आजतक-लखनऊ' के दूसरे संस्करण का दूसरा दिन है. इसका आयोजन अंबेडकर मेमोरियल पार्क गोमती नगर में हो रहा है. इस कार्यक्रम में कई जाने-माने कलाकार, लेखक और साहित्यकार भी शामिल हुए. साहित्य के महामंच पर दूसरे दिन ' राम से बड़ा राम का नाम' सेशन में स्पिरिचूअल लीडर, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर भी शामिल हुए.

राम के नाम से पापियों का भी होता है कल्याण

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' राम से बड़ा राम का नाम' पर अपने विचार रखते हुए कथाकार देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि भगवान शंकर ने 100 करोड़ श्लोक बनाए थे. देवता-दानव और मानव ने भगवान शिव से इन श्लोकों तीनों के बीच आपस में बांटने की गुजारिश की. भगवान शिव ने तीनों के बीच 33-33 करोड़ बांट दिए. फिर 10 करोड़ बचे थे, उसमें से भी 3-3 करोड़ तीनों के बीच बांट दिए. बचे एक करोड़ श्लोक को को भी तीनों को बीच बराबर बांट दिया दिया गया. अंत में शंकर भगवान के पास 32 अक्षर के एक श्लोक बचा था. देवता-दानव-मानव भगवान से शिव से इस श्लोक को बांटने की भी मांग की. इसे भी उन्होंने तीनों में 10-10-10 अक्षर करके बांट दिया. अंत में बचे दो अक्षर को भी बांटने की मांग देवता-दानव-मानवों ने की तो भगवान शिव ने इसे बांटने से सीधे मना कर दिया. इसपर भगवान शिव ने कहा कि ये दो अक्षर कभी नहीं बांटूगा. दो अक्षर मेरा प्राण है, धन है और मेरा सर्वस्य है. एक है रा और एक है म. यह दोनों मिलकर राम होते हैं. राम ही संसार का सबसे बड़ा सार है. राम से बड़ा राम का नाम है.

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देवकीनंदन ठाकुर ने आगे कहा कि राम सबके लिए उपबल्ध नहीं है. राम से मिलने के कई प्रयास करने पड़ेंगे. कई तपस्या करनी पड़ेगी. उसके बाद भी वह मिलेंगे कि नहीं वह भगवान पर निर्भर है. लेकिन नाम के लिए ये सब प्रयास करने की जरूरत नहीं है. बस गुरुदेव के पास गए, संत्संग में पहुंचे और राम नाम के अधिकारी बन गए. पापी का भी राम नाम से कल्याण हो जाता है. इसलिए राम से ज्यादा राम का नाम है.

मथुरा और काशी के मंदिर का आंदोलन पूरा होने पर ही मिलेगी सांस्कृतिक आजादी

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि अयोध्या के बाद जब तक मथुरा और काशी में मंदिर का निर्माण नहीं होगा , तब तक  सनातन संस्कृति को पूरी आजादी नहीं मिलेगी. आजादी मिले भले 75 साल हो गए हैं, लेकिन अभी भी हमें सांस्कृतिक आजादी नहीं मिली है. आजादी के बाद भी हमारे मंदिरों पर सरकार का कब्जा है. आजादी के बाद भी अगर हमें मंदिर बनाना होता है तो कोर्ट जाना पड़ता है. अयोध्या में मंदिर के लिए कोर्ट जाना पड़ा. काशी और मथुरा में मंदिर के लिए कोर्ट जाना पड़ा. पहला चरण सांस्कृतिक आजादी का  22 जनवरी को राम मंदिर से शुरू होगा. 

 'राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में सोनिया गांधी के ना आने पर खुशी हुई'

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विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में आने से मना कर चुकी हैं. इसपर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि जब उन्हें पता चला सोनिया गांधी नहीं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं आ रही हैं तो खुशी हुई है. सोनिया गांधी क्रिश्चियन धर्म को पालन करती हैं. वह दो नांव में पांव रखने वाली नहीं हैं. उनको मालूम है कि उन्हें सिर्फ अपने धर्म का पालन करना है. भगवान राम, शिव और कृष्ण से उन्हें क्या मतलब. हर धर्मात्मा को अपने धर्म में 100 प्रतिशत विश्वास करना चाहिए. सनातनियों को सोचना चाहिए हमें भगवान ने महावीर पर सिंदूर चढ़ाने को भेजा है, किसी पीर पर चादर चढ़ाने तो नहीं भेजा है.

जो अपने धर्म का सगा नहीं वह किसी का सगा नहीं: देवकीनंदन ठाकुर

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि दुख की बात है जो सनातनी है और राजनीति में हैं वे चुनाव के वक्त इफ्तार पार्टी में जाने लगते हैं. यहां वे भले के लिए नहीं वोट के लिए जाते हैं. अगर ये इतने अच्छे हैं तो अपने राम के नाम के नाम पर सिर झुकाएं, कृष्ण के आगे सिर झुकाएं, नारायण के आगे सिर झुकाएं. जब सत्ता मिल जाए तो सबका काम करें, सबका विकास करें. ऐसा शासन करो कि उन्हें कोई हटाना ना चाहे. हालांकि, ऐसा नहीं होता है कुर्सी मिल जाती है तो ये नेता सिर्फ अपने परिवार का काम करते हैं. इलेक्शन के टाइम पर फिर ये टोपी पहनने लगने लगते हैं, यज्ञोपवीत करने लगते हैं, गंगा स्नान करने लगते हैं. अगर हम अपने धर्म के सगे नहीं तो किसी के नहीं. सोनिया गांधी के कदम ने बताया है कि मानना है तो सिर्फ अपने धर्म को मानो, अपने राम को मानो, पूजना है तो अपने राम को पूजो, पीछे चलना है तो अपने राम के पीछे चलो. एक के साधे सब सधे, सब के साधे सब सब जाए. एक को मानोगे तो कल्याण हो जाएगा, सब को मानोगे तो विनाश हो जाएगा.

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असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर देवकीनंदन ठाकुर ने दी ये प्रतिक्रिया

असदुद्दीन ओवैसी के मस्जिद बचाने वाले बयान पर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि मुझे ये नहीं पता कि पत्रकार बंधु उस व्यक्ति का नाम क्यों लेते हैं. कौन है ये व्यक्ति. ये लोग कहां से आते हैं ऐसे व्यक्ति को आजीवन बैन कर देना चाहिए. जिसका भाई ये कहता है कि 15 मिनट पुलिस हटा लो, उसे हम कहते हैं चुनाव लड़ो. क्या ये पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में हो सकता है. जिन बाहरी आक्रांताओं ने हमारा राम मंदिर तोड़ा, शिव मंदिर तोड़ा और कृष्ण मंदिर को तोड़ा, उन मंदिरों को कोर्ट के जरिए लेना चाहते हैं. अगर ये लोग  भाईचारा चाहते तो नहीं कह देते ऐसे ही तीनों जगह ले लो. मैं ऐसे लोगों का नाम नहीं लेता जो समाज में वैमनस्य फैलाते हैं. उनके लिए जैसे पूजनीय मक्का और मदीना है, वैसे ही हमारे लिए अयोध्या, काशी और मथुरा है. अगर वे कहते हैं मस्जिद बचाओ तो मैं कहता हूं अपने सनातनियों से कहता हूं अपने मंदिर को बनाओ, अपने मंदिर को बचाओ, अपने साहित्य को बचाओ, अपनी संस्कृति को बचाओ.

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