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कली पुरी के ‘जय हिंद, जय हिंदी’ बोल के साथ हुआ साहित्य आज तक का आगाज

आजतक कर रहा है एक उत्सव का आयोजन. ये उत्सव है हिंदी साहित्य का. ये पर्व है हिंदी की वैभवशाली विरासत को जीने, संजोने और आगे बढ़ाने का. अपने आप में एक अभूतपूर्व प्रयास है साहित्य आजतक.

कली पुरी कली पुरी
दीपिका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

शायरी, कविताएं, कहानियां और उपन्यास के शौकीनों के लिए लिटरेचर फेस्ट‍िवल 'साहित्य आज तक'. इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स, नई दिल्ली में यह दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित हो गया है. कार्यक्रम का आगाज इंडिया टुडे ग्रुप की एडिटोरियल डायरेक्टर कली पुरी ने साहित्य के महत्व के बारे में बता कर किया.

कली पुरी ने कहा कि यह दुख की बात है हमारे देश में हिंदी साहित्य को महत्व नहीं दिया जाता. हमारी कोशिश है कि हम परंपराओं को आने वाली पीढ़ी के लिए संभाल के रखें. आखिर में ‘जय हिंद जय हिंदी’ बोल कर अपने शब्दों को विराम दिया.

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आपको बता दें इन दो दिनों में भारतीय साहित्य जगत के तमाम दिग्गज एक ही मंच पर जुटेंगे. वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा उभरते लेखकों को यहां अपनी कृतियों को पेश करने का मौका भी मिलेगा.

दो दिन चलने वाले इस इवेंट में 32 दिलचस्प सेशन रखे गए हैं. इनमें बॉलीवुड के कई बड़े दिग्गज जैसे, जावेद अख्तर , अनुराग कश्यप, आशुतोष राणा, नंदिता दास, अनुपम खेर आदि शामिल होंगे. इसी के साथ रेडियो की दुनिया में अपना नाम करने आरजे रौनक और आरजे साइमा भी आपसे रू-ब-रू होंगे.

कवियों और लेखकों के विचारों के इस मंथन में आपको अपने चहेते राइटर्स से भी मिलने का मौका मिलेगा जिसमें चेतन भगत, रविंदर सिंह, मैत्रेयी पुष्पा, राहत इंदौरी, डॉक्टर नवाज देवबंदी और चित्रा मुदगल प्रमुख हैं. अगर आपने अभी तक शेड्यूल नहीं देखा है तो https://aajtak.intoday.in/sahitya/ पर जाएं. क्योंकि इससे बेहतर वीकएंड आपने दिल्ली में पहले कभी नहीं बिताया होगा.

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