'साहित्य आज तक' में हिंदी हैं हम-21वीं सदी में क्या हिंदी पिछड़ रही है? इस विषय पर मशहूर साहित्यकार अशोक वाजपेयी और मृदुला गर्ग ने अपने विचार रखें. साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने कहा कि भाषा का बदलना स्वाभाविक है और हिंदी पिछड़ी नहीं है. वहीं मृदुला गर्ग ने भी कहा कि हम हिंदी वाले हमेशा बेवजह विलाप करते हैं. हिंदी पिछड़ी होती तो हिंदी में लिख न रहे होते.