आज तक के कार्यक्रम में जया किशोरी ने आस्तिकता और नास्तिकता पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि नास्तिकता में भी समझदारी होनी चाहिए. जो कर्म पर विश्वास करते हैं, वे समझदार नास्तिक हैं. उन्होंने युवाओं को नकारात्मक विचारों से बचने और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी. साथ ही, उन्होंने गीता प्रेस की किताबों की सराहना की और कहा कि इनसे आध्यात्मिक ज्ञान आसानी से समझा जा सकता है. जया ने सभी को अच्छे कर्म करने और समाज को आगे ले जाने का संदेश दिया.