'साहित्य आज तक' के मंच पर पहुंचे कवि और राजनेता कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में कविता सुनाते हुए कहा कि सियासत पैरों की जूती है और कविता सिर की पगड़ी है, लेकिन जब कोई पगड़ी पर हाथ डाले, तो जूती हाथ में उठाने का समय आ जाता है.
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