डॉ हरिओम पंवार भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान के कवि हैं. उनकी कविताओं में देश की आन, बान, शान ही नहीं उसे लेकर उनका जुनून भी साफ झलकता है. वीर रस और देशभक्ति उनकी पहचान है. पुलवामा हमले के बाद साहित्य आजतक में पढ़ी गई उनकी यह कविता और भी मौजूं हो गई है.