साहित्य आज तक के सत्र 'उर्दू कितनी हिंदुस्तानी' में कवि एवं स्कॉलर शीन कैफ निजाम ने अपने विचार रखते हुए कहा कि उर्दू उतनी ही हिंदुस्तानी है, जितनी हिंदी है. निजाम के मुताबिक अगर सिर्फ किसी और मुल्क की जबान होने के नाते उर्दू हिंदुस्तानी नहीं है, तो हमें और भी कई भाषाएं छोड़नी होंगी. इस सत्र में रक्षांदा जलील, अंजुम उस्मानी और अब्दुल बिस्मिल्लाह अपनी-अपनी बात रखी.