मशहूर शायर वसीम बरेलवी ने साहित्य आजतक के मंच से कहा कि पत्रकारिता चाहे प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक. दोनों ही तीन पाये की कुर्सी पर बैठे हुए हैं. पहला पाया है राजनीति, दूसरा पाया है फिल्मी जगत और तीसरा पाया है खेल जगत का. लेकिन चौथा पाया साहित्य को बनाया जाना चाहिए. देखें- साहित्य आज तक का ये वीडियो...