प्रसिद्ध लेखक अमीश त्रिपाठी ने महाकुंभ के अनुभव और महत्व पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि कैसे महाकुंभ हमें हमारे पूर्वजों से जोड़ता है और हमारी संस्कृति को जीवंत रखता है. त्रिपाठी ने अमृत मंथन की कथा का आधुनिक संदर्भ में विश्लेषण किया और कहा कि बदलाव के साथ कुछ विष भी निकलता है, जिसे शिव भक्तों को पीना चाहिए. उन्होंने यूपी के विकास की भी प्रशंसा की और कहा कि भारत में तेजी से बदलाव हो रहा है.