शनिवार को साहित्य आजतक के एक सत्र में अपनी बात रखते हुए जावेद अख्तर ने कहा, 'कुछ लोग खुद को ही राष्ट्र समझ बैठे हैं. विरोध करिए तो आप एंटी नेशनल हैं. ये नेता हमेशा रहने वाले नहीं है. बदल जाएंगे. देश हमेशा रहेगा. अगर कोई नेता यह समझ रहा है कि वही देश है तो वो गलत है.' अपनी बात पूरी करने के लिए उन्होंने शेर की लाइनें पढीं- 'तुमसे पहले जो एक शख्स यहां तख़्तनशीं था, उसकों भी अपने खुदा होने का इतना यकीं था.' जावेद ने कहा कि सेकुलर मुसलमान न तो घर का होता है न घाट.