साहित्य आजतक के पहले दिन कवि और लेखक व्योमेश शुक्ल और गीत चतुर्वेदी ने शिरकत की और हिंदी भाषा, हिंदी कविता और साहित्य पर धर्म की छाप पर खुलकर चर्चा की. व्योमेश शुक्ल ने कहा कि भाषा को धर्म या किसी धार्मिक समूह से जोड़ना बहुत ही बचकानी बात है. देखें ये पूरा सेशन.