शब्दों, सुरों और गानों का महाकुम्भ साहित्य आजतक का आगाज हो चुका है. पहले दिन के इवेंट में लेखक अश्विन सांघी ने शिरकत की और हिन्दू, हिंदुत्व और इतिहास पर चर्चा की. ईशनिंदा पर उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि सिर्फ हिंदू धर्म ने ही उदार होने का ठेका नहीं ले रखा है. देखें पूरा वीडियो.