आज तक साहित्य उत्सव में मशहूर सूफी गायक काबुल बुखारी ने अपनी सुरीली आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. उन्होंने कव्वाली, गजल और सूफी गीतों की शानदार प्रस्तुति दी. 'सादगी तो हमारी जरा देखिए' और 'लाल मेरी पत रखियो' जैसे लोकप्रिय गीतों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. काबुल बुखारी की गायकी में भावनाओं और सूफी परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला. उनकी प्रस्तुति ने सूफी संगीत की महानता को एक बार फिर साबित किया.