
पद्मश्री से सम्मानित मशहूर कवि और शायर बेकल उत्साही का निधन हो गया है. पूर्व राज्यसभा सदस्य रहे उत्साही ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. ब्रेन हैमरेज की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
बेकल उत्साही का जन्म एक जून 1924 को हुआ था. उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के उतरौला के रहने वाले उत्साही का असली नाम शफी खान था. गुलामी के वक्त अपने गीतों की वजह से उत्साही को कई बार जेल भी जाना पड़ा. उत्साही को कांग्रेस की ओर से 1986 में राज्यसभा का सदस्य बनाया गया था.
उन्होंने 1952 में विजय बिगुल कौमी गीत और 1953 में बेकल रसिया लिखी. उत्साही ने गोण्डा हलचल प्रेस, नगमा व तरन्नुम, निशात-ए-जिन्दगी, नूरे यजदां, लहके बगिया महके गीत, पुरवईयां, कोमल मुखड़े बेकल गीत, अपनी धरती चांद का दर्पण जैसी कई किताबें भी लिखीं.