
साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में रवीन्द्र भवन में आयोजित अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में 24 पुस्तकों को साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार 2018 के लिए अनुमोदित किया गया. पुस्तकों का चयन नियमानुसार गठित संबंधित भाषाओं की त्रिसदस्यीय निर्णायक समिति की संस्तुतियों के आधार पर किया गया. पुरस्कार, पुरस्कार वर्ष के तत्काल पूर्ववर्ती वर्ष के पहले के पांच वर्षों यानी 1 जनवरी 2012 से 31 दिसंबर 2016 के दौरान प्रथम प्रकाशित अनुवादों को प्रदान किए गए हैं.
साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार 2018 के लिए जिन अनुवादकों के नामों की घोषणा हुई, उसमें असमिया के लिए पार्थ प्रतिम हाज़रिका को 'रामायण: गंगार पोरा ब्रह्मपुत्रालोई' पर, बाङ्ला के लिए मबिनुल हक़ को 'लेप ओ अन्यान्यो गल्प', बोडो के लिए नबीन ब्रह्म को 'बिनदिनी', डोगरी के लिए नरसिंह देव जम्वाल को 'पखेरू', अंग्रेज़ी के लिए सुबाश्री कृष्णास्वामी को 'द तमिऴ स्टोरी - थ्रू द टाइम्स, थ्रू द टाइड्स', गुजराती के लिए विनेश अंतानी को 'मायादर्पण', हिंदी के लिए प्रभात त्रिपाठी को 'वंश - महाभारत कविता', कन्नड़ के लिए स्व गिरड्डी गोविंदराज को 'जय: महाभारत सचित्र मारुकथन', कश्मीरी के लिए मो. ज़मां आज़ुर्दा को 'सखतियात पास सखतियात ते मशरिकी शेरियात' पर के लिए चुना गया है.
कोंकणी के लिए अनुवाद पुरस्कार नारायण भास्कर देसाय को 'राजवाडे लेखसंग्रह', मैथिली के लिए सदरे आलम 'गौहर' को 'हेराएल जकाँ किछु', मलयाळम के लिए एम. लीलावती को 'श्रीमद् वाल्मीकि रामायण', मणिपुरी के लिए राजकुमार मोबि सिंह को 'मपुङ फडब', मराठी के लिए प्रफुल्ल शिलेदार को 'संशयात्मा', नेपाली के लिए मणिका मुखिया को 'यो प्राचीन वीणा', ओड़िया के लिए श्रद्धांजलि कानूनगो को 'श्रीमयी माँ', पंजाबी के लिए के.एल. गर्ग को 'गोपाल प्रसाद व्यास दा चौनवन हास व्यंग', राजस्थानी के लिए मनोज कुमार स्वामी को 'नाव अर जाळ', संस्कृत के लिए दीपक कुमार शर्मा को 'असमा वाङ्म्जरी', संताली के लिए रूपचंद हांसदा को 'सेन दरयक'अन मेनखन चेदक', सिंधी के लिए जगदीश लछाणी को 'मनजोगी', तमिऴ के लिए कोलचेल मु. यूसुफ़ को 'तिरुतन मण्यनपिल्लै', तेलुगु के लिए ए. कृष्णाराव 'कृष्णुडु' को गुप्पेडु सूर्युडु मारि कोन्नि कविथलु और उर्दू के लिए ज़किया मसद्दी को 'आख़री सलाम' पर दिया जाएगा.
साहित्य अकादेमी के अनुसार निर्णायक समिति के जिन सदस्यों की संस्तुतियों के आधार पर 'अनुवाद पुरस्कार 2018' की घोषणा की गई, उनमें असमिया के लिए डॉ. आनंदा बोरमुदोई, डॉ. अरुपा पतंगिया कलिता, प्रो. ज्योत्सना राउत; मणिपुरी के लिए बी.एस. राजकुमार, प्रेमचंद्र सिंह, प्रो. राजेन तोइजाम्बा; बाङ्ला के लिए डॉ. चिन्मय गुहा, प्रो. पवित्र सरकार, सामिक बंद्योपाध्याय ; मराठी के लिए अनंत भावे, प्रभा गनोरकर, डॉ. विलास खोले; बोडो के लिए गोपीनाथ बरगायरी, डॉ. अंजली प्रभा देइमारी, तारेन बोरो; नेपाली के लिए डम्बरमणि प्रधान, के.एन. शर्मा, संतोष अल्लय और डोगरी के लिए ध्यान सिंह, शिव देव सिंह मन्हास, विजय वर्मा शामिल थे.
इनके अलावा ओड़िया भाषा की चयन समिति में गायत्री सराफ, प्रो. कालिदास मिश्र, डॉ. संग्राम जेना; अंग्रेज़ी के लिए प्रो. जीजेवी प्रसाद, प्रो. मोहम्मद असदुद्दीन, डॉ. तूतन मुखर्जी, पंजाबी के लिए भूपिंदर कौर प्रीत, प्रो. हरभजन सिंह भाटिया, डॉ. मोहनजीत, गुजराती के लिए प्रो. हर्ष ब्रह्मभट्ट, डॉ. प्रफुल्ल रावल, उदयन ठक्कर, राजस्थानी के लिए आशीष पुरोहित, डॉ. भगवती लाल व्यास, हरीश आचार्य; हिंदी के लिए प्रो. ए. अरविंदाक्षन, प्रयाग शुक्ल, प्रो. रामजी तिवारी; संस्कृत के लिए डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, प्रो. राणि सदाशिव मूर्ति, प्रो. पी.के. पंडा; कन्नड के लिए प्रो. के. जी. नागरजप्प, प्रो. के.वी. नारायण, डॉ. बसवराज नाइकर; संताली के लिए अर्जुन हेम्ब्रम, चंद्रमोहन सोरेन, दिजपदा हांसदा शामिल थे.
कश्मीरी भाषा के लिए चयन समिति के सदस्य के रूप में अब्दुल अहद हाजिनी, गुलाम नबी ख़याल, प्रो. मरगूब बानिहाली; सिंधी के लिए हीरो ठाकुर, जयराम रूपाणी, तहलराम वी. माखिजाणी; कोंकणी के लिए हेमा पुंडलीक नाईक, लोलायकर प्रसाद, शीला कोलम्बकर; तमिऴ के लिए पुवियारसु, डॉ. एस. भक्तवत्सला भारती, जी. कुप्पुस्वामी; मैथिली के लिए भैरव लाल दास, रामनारायण सिंह, शिवकांत पाठक; तेलुगु के लिए प्रो. शेख मस्तान, वोल्गा, वाई. लक्ष्मीप्रसाद; मलयाळम् के लिए के. जयाकुमार, डॉ. के. मुथ्थुलक्ष्मी, के.एस. वेंकटाचलम और उर्दू के लिए प्रो. अनीस अशफ़ाक़, प्रो. अतीक़ुल्लाह और शमोएल अहमद शामिल हुए.
अनुवाद पुरस्कार के विजेताओं को सम्मान के रूप में 50 हजार रुपए की राशि और उत्कीर्ण ताम्रफलक इसी वर्ष आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे.