साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' में 'मनोरंजन और साहित्य' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में प्रख्यात लेखिका और प्रिंसिपल डॉक्टर रमा ने कहा कि साहित्य की भाषा हो या मनोरंजन की, दोनों ही जगह भाषा गरिमामयी होनी चाहिए और किसी की भावना को ठेस पहुंचाने वाली नहीं होनी चाहिए.