Advertisement

40 घंटे की मशक्कत के बाद भी नहीं बची मयंक की जान, रीवा में बोरवेल में गिरे बच्चे की मौत

मध्य प्रदेश के रीवा में 40 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद भी बोरवेल में गिरे बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी. संकरे गड्ढे में बच्चे के फंसे होने की वजह से उसे समय रहते बाहर नहीं निकाला जा सका. इसको लेकर जिले की डीएम प्रतिभा पाल ने कहा कि 40 घंटे के बचाव अभियान के बाद भी हम बच्चे को नहीं बचा पाए.

रीवा में बोरवेल में गिरे बच्चे की हुई मौत रीवा में बोरवेल में गिरे बच्चे की हुई मौत
aajtak.in
  • रीवा,
  • 14 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:28 PM IST

मध्य प्रदेश के रीवा में दो दिन पहले बोरवेल में गिरे 6 साल के मासूम मयंक को बचाया नहीं जा सका. उसकी मौत हो गई है. एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि दो दिन पहले खुले बोरवेल में गिरे छह साल के बच्चे को कई एजेंसियों की अथक कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका. 

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे मनिका गांव में शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे बच्चा बोरवेल में उस वक्त गिर गया था जब वो वहां खेल रहा था. अधिकारियों ने पहले कहा था कि वह लगभग 40 फीट की गहराई में फंसा हुआ था. 

Advertisement

जिस बोरवेल में बच्चा गिरा था वो हीरामणि मिश्र नाम के शख्स की खेत में था जहां हार्वेस्टर से गेंहू की कटाई की जा रही थी. उस बोरवेल को पानी के लिए खोदा गया था लेकिन उसमें पानी नहीं होने की वजह से उसे खुला छोड़ दिया गया था. 

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन की टीमें बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने के अभियान में लगी हुई थीं. बचाव दल ने 70 फीट गहरे बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाई और उस तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे खोदे गए.

कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि 40 घंटे के बचाव अभियान के बाद रविवार को बच्चे का पता लगा लिया गया, लेकिन वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था. पाल ने घटनास्थल पर कहा, "बच्चे का पता सुबह करीब 8 बजे चला, हमने सभी प्रयास किए लेकिन बोरवेल बहुत संकरा होने के कारण बच्चे को नहीं बचा सके." उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement