
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए 8 नए मेहमान चीतों के नामकरण को लेकर चल रही कयासबाजी अब थम गई है. जानकारी के मुताबिक, 8 चीतों में से सात चीते नामीबियाई नाम से ही पहचाने जाएंगे. बता दें, इनमें से एक मादा चीते को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आशा' नाम दिया है.
दरअसल, कयास लगाया जा रहा था कि बाकी चीतों के नाम भी बदले जाएंगे. लेकिन अब यह तय हो गया है कि बाकी सात चीते अपने नामीबियाई नाम से ही पहचाने जाएंगे.
पीसीसीएफ वन्यजीव जेएस चौहान ने 'आजतक' को बताया कि चीतों का जो नाम नामीबिया में रहा है, वही नाम यहां पर रहेगा. यहां पर सिर्फ एक मादा चीते का नाम रखा गया है 'आशा'. यह नाम पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया है. उन्होंने बताया कि इन चीतों के जो शावक होंगे उन्हें भारतीय नाम दिया जाएगा.
बता दें, नामीबिया से भारत लाए गए 8 चीते कूनो नेशनल पार्क में लगातार एक्टिव हैं और अब धीरे-धीरे यहां के वातावरण में घुल मिलने की कोशिश कर रहे हैं. अभी आम लोग इन चीतों को नहीं देख सकेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार साल की मादा चीता का नाम आशा रखा है. इसके अलावा ढाई साल के एक अन्य चीता का नाम तबिल्सी है, जिसका जन्म एरिंडी प्राइवेट गेम रिजर्व नामीबिया में हुआ था.
इन सभी में सबसे उम्रदराज मादा चीता है जो कि आठ साल की है. उसका नाम साशा है. साशा की करीबी दोस्त का नाम सवानाह है. एक अन्य फीमेल चीता का नाम सियाया है. तीनों नर चीता के नाम फ्रेडी, एल्टन और ओबान हैं.
नामीबिया से पार्क लाए गए चीते घूम फिर भी रहे हैं और खा पी भी रहे हैं. नामीबिया से आए 6 विशेषज्ञ और कूनो वन मंडल के 4 डॉक्टर लगातार चीतों पर नजर बनाए हुए हैं. शनिवार से मंगलवार रात तक ही चीतों का 25 से ज्यादा बार परीक्षण किया जा चुका है. कूनो नेशनल पार्क के अफसरों ने बताया कि जब से चीतों को कंपार्टमेंट में क्वारंटाइन किया गया है, तब से उनके पास कोई नहीं गया है. बाहर से ही उनकी एक्टिविटी पर लगातार नजर रखी जा रही है.