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मरीज के पेट से निकाला 23 cm लंबा और 1.5 kg का ट्यूमर... 3 घंटे चली सर्जरी, खून की नस फटने का था खतरा

Indore News: डॉक्टर ने बताया कि  इस ट्यूमर से मरीज को जान का खतरा भी होता है. कई बार यह कैंसर के ट्यूमर में बदल सकता है. बड़ी आंत सहित शरीर के मुख्य अंगों के साथ किडनी, यूरेटर और दिल को खून सप्लाई करने वाली नसों से चिपका होने के कारण नस फटने का जोखिम अधिक रहता है.

मरीज के पेट से निकाला 23 सेमी लंबा और 1.5 किलो का ट्यूमर. मरीज के पेट से निकाला 23 सेमी लंबा और 1.5 किलो का ट्यूमर.
धर्मेंद्र कुमार शर्मा
  • इंदौर,
  • 31 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:42 AM IST

इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में डॉक्टरों की टीम ने बेहद कठिन ऑपरेशन को सफल बनाते हुए एक महिला के शरीर से 23 सेमी 1.5  किलो का ट्यूमर निकाला. 41 साल की महिला मरीज मूलरूप से इंदौर की रहने वाली है. पिछले एक साल से पेट दर्द की परेशानी थी. उसको अनेकों बार डॉक्टरों को दिखाया लेकिन राहत नहीं मिल रही थी और  वह कमजोर होती गई और खाना पीना कम हो गया. 

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इंडेक्स मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में डॉ अनिता इनानी माहेश्वरी ने मरीज की सोनोग्राफी, एमआरआई, खून के साथ तमाम जांचें की. रिपोर्ट से पता चला कि मरीज के पेट में 21 बाय 19 बाय 12 सेंटीमीटर का ट्यूमर है, जो किडनी और मोटी खून की नस, जो सीधे दिल को रक्त की सप्लाई करती है, उससे चिपका हुआ है.करीब 3 घंटे तक ऑपरेशन होने के बाद मरीज के पेट से बिना ब्लड लॉस 23 से.मी.का ट्यूमर निकाला गया. मरीज की किडनी और मोटी खून की नस को भी फटने से बचा लिया गया. अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है. 

शरीर के इस हिस्से में 1 प्रतिशत से भी कम ट्यूमर 
डॉ. अनिता इनानी माहेश्वरी ने बताया कि 24 वर्षों से सर्जरी के केस कर रही हूं लेकिन इस तरह के जटिल ट्यूमर कम ही मिलते हैं. शरीर के इस हिस्से में अभी तक विश्व में 15 सेमी से कम और  700 से 800 ग्राम वजन तक के ट्यूमर मिला है. शरीर के इस हिस्से में 1 प्रतिशत से भी कम मरीजों में ब्रॉड लिगामेंट फाइब्रॉयड ट्यूमर मिलता है. इंडेक्स अस्पताल में हमारी टीम ने विश्व में मिलने वाले सबसे दुर्लभ 23 सेमी और 1.5 किलो वजनी इस बेनाइन ट्यूमर का सफल निःशुल्क ऑपरेशन किया गया.

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डॉक्टर ने बताया कि  इस ट्यूमर से मरीज को जान का खतरा भी होता है. कई बार यह कैंसर के ट्यूमर में बदल सकता है. बड़ी आंत सहित शरीर के मुख्य अंगों के साथ किडनी, यूरेटर और दिल को खून सप्लाई करने वाली नसों से चिपका होने के कारण नस फटने का जोखिम अधिक रहता है. इन स्थितियों में ये सर्जरी करना काफी जटिल होता है.

इस जटिल ऑपरेशन में डॉ अनिता इनानी के साथ डॉ प्रियंका राठौर, डॉ. गौरव सक्सेना,यूरोलॅाजिस्ट डॉ निलेश गुरु पीजी डॉ उर्विजा, डॉ अश्विनी ,डॉ.शिल्पी सहित एनेस्थीसिया की टीम शामिल थी. इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया और  वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक करने पर डॉक्टरों की टीम की सराहना भी की.

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