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सांस लेने और चलने में हो रही थी परेशानी, डॉक्टर्स ने महिला के गर्भाशय से निकाला 29 KG का ट्यूमर

Bhopal News: 3 साल से पेट में भारी गड़बड़ी की समस्या झेल रही महिला एम्स ओपीडी में आई थी. पीड़िता ने एम्स  के अलावा दो अन्य अस्पतालों में भी दिखाया, लेकिन उसकी गंभीर स्थिति के कारण इलाज से इनकार कर दिया गया. 

AIIMS भोपाल में गर्भाशय पिंड का सफल ऑपरेशन. AIIMS भोपाल में गर्भाशय पिंड का सफल ऑपरेशन.
aajtak.in
  • भोपाल ,
  • 03 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:50 PM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अखिल भारतीय अयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में सिंगरौली से आई  44 साल की महिला के गर्भाशय से 29 किलो का ट्यूमर निकाला गया. 

3 साल से पेट में भारी गड़बड़ी की समस्या झेल रही महिला एम्स ओपीडी में आई थी. पीड़िता ने एम्स  के अलावा दो अन्य अस्पतालों में भी दिखाया, लेकिन उसकी गंभीर स्थिति के कारण इलाज से इनकार कर दिया गया. 

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2 सप्ताह पहले ही महिला मरीज एम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में आई थी और जांच के लिए उसे विभाग में भर्ती कर लिया गया था. 

मरीज को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी और बड़े ट्यूमर के कारण वह चलने में भी असमर्थ थी. रेडियोलॉजिकल रूप से गर्भाशय से निकलने वाले द्रव्यमान का आकार 42x25x35 सेमी था. अन्य संबंधित विभागों से चर्चा के बाद उनकी सर्जरी की योजना बनाई गई. 

डॉ. के पुष्पलता (एचओडी) ओबीजीवाई के मार्गदर्शन और टीम में शामिल डॉ. अजय हलदर, डॉ. ज्योति नाथ मोदी और डॉ. भारती सिंह के सामूहिक प्रयासों से मरीज की स्थिति पर  सफलतापूर्वक नियंत्रण किया गया. 

मरीज का ऑपरेशन हाल ही  में डॉ. भारती सिंह के नेतृत्व वाली ऑपरेटिव टीम की ओर से किया गया. टीम के अन्य सदस्य डॉ. नैना गौतम और डॉ. हर्षिता नायडू (सीनियर रेजिडेंट) थे. 

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डॉ. आशुतोष कौशल और डॉ. सोनाली की एनेस्थीसिया टीम की मदद से गंभीर मामले की सफल सर्जरी संभव हो सकी. 

सर्जरी के दौरान एक बहुत बड़ा गर्भाशय पिंड पाया गया जिसका  वजन लगभग 29 किलोग्राम (ट्यूमर द्रव सहित) था, जिसे हिस्टोपैथोलॉजी के लिए भेजा गया. ऑपरेशन के बाद मरीज को अच्छा महसूस हो  रहा है. एम्स भोपाल के कार्यपालक  निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने इस सफल ऑपरेशन के लिए पूरी टीम को बधाई दी है. 

बता दें कि गर्भाशय से पैदा होने वाले विशाल पेल्विक मास का बड़ी मात्रा में इकट्ठा होना एक  अत्यंत दुर्लभ घटना है. इस विशेष मामले में अपक्षयी परिवर्तनों के साथ विशाल गर्भाशय मायोमा की संभावना का संदेह है. इस प्रकार के मामलों में कई निदान और प्रबंधन संबंधी दुविधाएं होती हैं. सर्जरी के दौरान पेट के अचानक डीकंप्रेशन के कारण  कार्डियोपल्मोनरी जटिलताएं विकसित हो सकती हैं. त्वरित सर्जरी और कड़ी इंट्राऑपरेटिव निगरानी से ऐसे मामलों में  सफलता पाई जा सकती है. 

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